जिले में 23 से 26 मई तक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत एक से 19 साल तक के करीब साढ़े छह लाख से अधिक बच्चों और 50 हजार युवतियों को पेट के कीड़े मारने की दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए टीमें गठित की गई है। यह अभियान डोर टू डोर चलाया जाएगा। इससे शादी योग्य युवतियों में होने वाली खून की कमी को रोका जा सकता है।
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. रश्मि बत्रा ने बताया कि अल्बेंडाजोल की दवाई खिलाए जाने का मुख्य उद्देश्य बच्चों के पेट में होने वाले कीड़े को मारना हैं, जो उनकी शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा डालते है। उन्हें एनीमिक बना देते है। सरकार की तरफ से हर 6 महीने में अल्बेंडाजोल की दवाई खिलायी जाती है। उन्होंने इस कार्यक्रम को पूरा कराने के लिए आशा वर्कर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम की ड्यूटी लगाई गई है। जिले में लगभग 6.50 लाख बच्चे और 20 से 24 साल की करीब 50000 युवतियों को दवा खिलाई जाएगी। डॉ रश्मि बत्रा ने बताया की इस अभियान के दौरान राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की मोबाइल टीमें अलर्ट पर रहेगी। दवा खिलाने से किसी बच्चे अथवा युवती को जी मचलाना अथवा उल्टी की शिकायत हो सकती है, लेकिन उससे घबराने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट मोड पर रहेगी। इसमें किसी प्रकार का नुकसान होने का अंदेशा नहीं होता।
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