एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना के तहत लिंग्याज विद्यापीठ के विधि विभाग ने शुकऱ्वार को एक कार्यकऱ्म का आयोजन किया। इसमें देश की एकता व अखंडता के लिए छात्रों को शपथ दिलाई गई। कार्यकऱ्म में विद्यापीठ में शिक्षारत तेलंगाना राज्य के छात्र-छात्राओं को हिंदी व तेलगू भाषा में शपथ दिलाई गई।
इस दौरान विभागाध्यक्ष डॉ. सुशील कुमार शर्मा ने स्टूडेंट्स को देश के प्रति समर्पित रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहाकि हमने हमेशा अपनी मातृभूमि को एक सभ्य एवं संपन्न राष्ट्र के रूप में देखा है। ऐसे राष्ट्र की सीमाएं, राष्ट्र की संस्कृति की पहुंच उसके लोकाचार तथा एक-दूसरे को व्यापक रूप से जोड़ने वाली आध्यात्मिक भावना के प्रभाव से तय होती हैं। उन्होंने कहाकि हमारा सनातन धर्म पूरे विश्व को एक परिवार के रूप में देखता है। भारत की क्षेत्रीय एवं सभ्यतागत सीमाओं को अधिकतम निकटता को सुनिश्चित करने में अगर किसी व्य़क्ति का असाधारण योगदान रहा तो वह सरदार वल्लभ भाई पटेल थे। हमें सदैव ऐसी ही विचारधारा रखनी चाहिए। एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना उन्हीं के जीवन से प्रेरणा लेकर शुरू की गई है। इसके अंतर्गत देश का कोई भी एक राज्य दूसरे राज्य से हर साल एक दूसरे की विरासत जैसे संस्कृति, परम्परा, भाषा आदि को बढ़ावा देने के लिए जुड़ता है। इसी प्रयास में लिंग्याज विद्यापीठ के विधि-विभाग ने एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत इस शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया। डा. शर्मा ने कहाकि इस योजना के तहत सभी राज्यों को उनकी संस्कृति एवं इतिहास से जोड़ना है। जिससे देश में एकता के नए रूप का संचार हो सके। सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के बीच गहरे रचनात्मक संपर्कों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देना है। यह राष्ट्र की मजबूती और एकता का एक महत्वपूर्ण कारक बनेगा। साथ ही यह भारतीय शासन के संघीय ढांचे को भी मजबूती प्रदान करेगा। यह अभियान देश की विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं को पहचानने और उजागर करने में भी मदद करेगा।
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