हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा ठोस व तरल कचरा प्रबंधन पर सेक्टर 12 हुड्डा कंवेंशन सेंटर में आयोजित सेमिनार में एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने राज्य सरकारों और उनके अधिकारियों की लापरवाही की पोल खोल दी। हांलाकि उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना भी की।
जस्टिस गोयल ने कहा कि वर्ष 1996 से 2014 तक 18 वर्षों में सुप्रीम कोर्ट कचरा प्रबंधन को लेकर कई बार राज्य सरकारों को दिशा निर्देश जारी किया है लेकिन समस्या का हल अभी तक नहीं निकल पाया। वर्ष 2014 में कचरा प्रबंधन का केस एनजीटी को ट्रांसफर कर दिया। लेकिन अपेक्षा के अनुरूप हल अभी भी नहीं निकला है। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात ये है कि किसी भी राज्य में एनजीटी के आदेश की ठीक ढंग से पालना नहीं हो रही। इसका प्रमुख कारण प्रशासनिक अफसरों की लापरवाही कही जाएगी। सरकारें काम करने को तैयार हैं लेकिन सरकारी विभागों में को-ऑर्डिनेशन की कमी के कारण समस्या बनी हुई है। उधर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा सरकार द्वारा कचरा प्रबंधन को लेकर किए जा रहे कामों की जानकारी दी और कहा कि वर्ष 2030 तक प्रदेश 80 फीसदी पानी को ट्रीट कर उसका रि-यूज करेगा। इसके लिए युद्धस्तर पर काम किए जा रहे हैं।
50 फीसद ही ठोस कचरे का हो रहा निस्तारण
सेमिनार के मुख्य अतिथि एनजीटी चेयरमैन जस्टिस आदर्श कुमार ने कहा कि देश भर में अभी प्रतिदिन निकलने वाला ठोस कचरे का महज 50 फीसदी ही निस्तारण हो पा रहा है। उत्पादन और निस्तारण में यह बहुत बड़ा गैप है। उन्होंने कहा कि तरल अपशिष्ट की बात करें तो देश भर की 351 नदियों का पानी प्रदूषित हो रहा है। इनमें गंगा यमुना जैसी नदियां भी शामिल हैं। सीवरेज व औद्याेगिक इकाईयों का प्रदूषित पानी बिना ट्रीट किए ही यमुना में डाला जा रहा है। जिससे मानव जीवन के गंभीर संकट पैदा हो रहा है। हमें पब्लिक को साथ लेकर गांव गलियाें तक के गंदे पानी को मिलकर ट्रीट करने की जरूरत हेै।
62 फीसदी सीवरेज का पानी हो रहा ट्रीट
एनजीटी चेयरमैन ने कहा कि देश भर में सीवरेज से निकलने वाले गंदा पानी का महज 62 फीसदी ही ट्रीट हो पा रहा है। बाकी 38 फीसदी सीवरेज का पानी ड्रेन के माध्यम से नदियों में पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने 25 हजार करोड का बजट दिया है लेकिन उस पर जो काम होना चाहिए वह नहीं हो रहा है। समस्याएं गंभीर है। अब उसका समाधान मिलकर करना होगा।
छोटे-छोटे प्रोजेक्ट लगाने पर सीएम ने दिया जोर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ठोस कूड़ा प्रबंधन व वाटर ट्रीटमेंट के छोटे-छोटे प्रोजेक्ट लगाने पर काम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज छोटे-छोटे प्रोजेक्ट की भी जरूरत है, जो किसी कॉलोनी, मोहल्ले व सोसाइटी आदि में भी लगाए जा सकें। इस विषय पर सफलता तब मिलेगी जब हम इसे जमीन पर उतारेंगे।
2030 तक 80 प्रतिशत तक पानी होगा ट्रीट
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें ट्रीटेड पानी का ज्यादा से ज्यादा पुनः इस्तेमाल करना चाहिए। हम हर दिन घरों में गाड़ी धोने, टॉयलेट, बागवानी के लिए ट्रीटेड पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। आज प्रदेश में 750 क्यूसिक ट्रीटेड पानी इस्तेमाल कर रहे हैं। 2030 तक 80 प्रतिशत ट्रीटेड पानी का इस्तेमाल किया जाएगा। हमनें इसका टारगेट रखा है। उस पर सरकार तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को भविष्य में पानी की डबल पाइपलाइन डालने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि 1000 लीटर पानी की जरूरत वाले औद्योगिक इकाईयों को ट्रीट पानी देने की व्यवस्था की जा रही है।
611 तालाबों का किया जा चुका है जीर्णोद्धार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश भर में तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। हरियाणा सरकार ने पौंड अथॉरिटी बनाई है। प्रदेश में 18 हजार तालाब हैं, इनमें से 1726 तालाबों को चिन्हित किया गया है अभी तक 611 तालाबों के जीर्णोद्धार का कार्य पूरा किया जा चुका है। 15 अगस्त 2023 तक बाकी बचे तालाबों का जीर्णोद्धार कर लिया जाएगा।
वाहनों की स्क्रैप का भी किया जा रहा प्रबंधन
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वाहनों की स्क्रैप का भी प्रबंधन किया जा रहा है। सर्कुलर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए पुराने वाहनों को रि-साईकिल किया जा रहा है। इसके लिए भारत सरकार के सहयोग से नूंह में एक प्रोजेक्ट की शुरूआत की गई है। जल्द ही अन्य शहरों में भी इसे शुरू किया जाएगा। इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, जस्टिस प्रीतमपाल, विधायक सीमा त्रिखा, विधायक नरेंद्र गुप्ता, विधायक नयनपाल रावत, विधायक राजेश नागर, विधायक नीरज शर्मा, मुख्य सचिव संजीव कौशल, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन पी राघवेंद्र राव, एसीएस सुधीर राजपाल, मुख्यमंत्री के सलाहकार सिंचाई देवेंद्र सिंह, एसीएस विनीत गर्ग, एसीएस अरूण कुमार गुप्ता, उपायुक्त विक्रम सिंह, समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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