सिंगल यूज प्लास्टिक पर नगर निगम ने सख्ती तेज कर दी है। शुक्रवार को पहले दिन एनआईटी, बल्लभगढ़ और ओल्ड फरीदाबाद जोन में अभियान चलाकर प्लास्टिक का प्रयोग करने वाले 75 लोगों के चालान काटे गए। करीब 30 हजार रुपए का जुर्माना लोगों ने मौके पर ही भर दिया। प्रशासन अब प्लास्टिक का प्रयोग कराने वालों को बख्शने के मूड में नहीं है। नगर निगम और जिला प्रशासन का साफ कहना है कि जिले में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी से प्रतिबंध है। इसे सख्ती से लागू किया जाएगा।
बता दें केंद्र सरकार ने एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करने का ऐलान किया है। सिंगल यूज प्लास्टिक यानी प्लास्टिक से बनी ऐसी चीजें, जिसका हम सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल करते हैं, पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। बैन किए गए प्रोडेक्ट को बनाने या बेचने पर पर्यावरण एक्ट की धारा 15 के तहत 7 साल की जेल और एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। निगम कमिश्नर यशपाल यादव ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को रोकने के लिए कुल 40 टीमें प्रत्येेक वार्ड के लिए बनाई गई है। शुक्रवार को पहले दिन तीनों जोन में अभियान चलाकर कुल 75 चालान काटे गए हैं। इसके साथ ही लोगों को जागरुक भी किया जा रहा है कि वह सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करने से बचें। उधर डीसी जितेन्द्र यादव ने बताया कि एनजीटी के निर्देश पर प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट नियम, 2016 प्रभावी ढंग से लागू हो गया है। एनजीटी के निर्देशानुसार प्लास्टिक की मोटाई 120 माइक्रोन से कम नहीं होनी चाहिए। इससे कम मोटाई वाले प्लास्टिक की चीजों पर प्रतिबंध रहेगा।
प्रदूषण फैलााने में सिंगल यूज प्लास्टिक का अहम रोल
डीसी जितेंद्र यादव ने बताया कि देश में प्रदूषण फैलाने में सिंगल यूज प्लास्टिक सबसे बड़ा कारण है। केंद्र सरकार के मुताबिक देश में 2018-19 में 30.59 लाख टन और 2019-20 में 34 लाख टन से ज्यादा सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा उत्पन्न हुआ था। सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी चीजें न तो डीकंपोज होती हैं और न ही इन्हें जलाया जा सकता है, क्योंकि इससे जहरीले धुएं से हानिकारक गैस निकलती है। ऐसे में रिसाइक्लिंग के अलावा स्टोरेज करना ही एकमात्र उपाय होता है। हम सभी को यह बात समझनी होगी कि प्लास्टिक ना केवल वातावरण के लिए बल्कि मनुष्य के लिए भी खतरनाक है।
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