जीजेयू में हटाई गई सहायक प्राेफेसर रितु चाेपड़ा का आमरण अनशन वीसी कार्यालय के सामने तीसरे दिन भी जारी रहा। सिविल अस्पताल की टीम ने आमरण अनशन पर बैठी रितु चाेपड़ा का मेडिकल चेकअप किया। वीसी ऑफिस के बाहर यह धरना बीते नाै दिन से चल रहा है। तीन दिन पहले सहायक प्राेफेसर आमरण अनशन पर बैठ गई थी। उनका कहना है कि नियमों के विपरीत उनकाे पद से हटाया गया है।
उधर, मामले काे देखने के लिए विवि ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में डीन ऑफ काॅलेजिज डाॅ. संदीप राणा, डाॅ. विनाेद बिश्नाेई, वीसी के ओएसडी हरदेव सिंह शामिल हैं। कमेटी मेंबर्स ने मामले काे लेकर आज मीटिंग की है, जिसमें एआईसीटी के नाॅर्म्स व मामले से संबंधित डाॅक्यूमेंट्स चेक किए हैं। आमरण अनशन पर बैठी रितु चाेपड़ा ने बताया कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा शिक्षक योग्यता में जो परिवर्तन किए हैं। गजट नोटिफिकेशन में लिखा है कि नियमित व अनुबंध आधार पर लगे शिक्षक नई योग्यता पूर्ण नहीं करते हैं। उनको 31 जुलाई 2022 तक का समय अपनी योग्यता पूर्ण करने के लिए दिया है।
विश्वविद्यालय में बहुत से नियमित व अनुबंध आधार पर लगे शिक्षक इस दायरे में आते हैं। विवि में दाे शिक्षकाें काे अब तक नहीं हटाया और बाकी काे हटाया गया है। यह है मामला जीजेयू में अनुबंध आधार पर 45 शिक्षक 2019 में लिए गए थे। इनका कार्यकाल एक साल हाेता है। इनमें से कई सहायक प्राेफेसराें काे काेविड के चलते एक्सटेंशन मिलती रही।
सहायक प्राेफेसराें में से 4 शिक्षक सीएससी विभाग में लगे, जिनके बाद में डिस्टेंस विभाग में शिफ्ट किया गया। अब इनमें से रितु चाेपड़ा और नीरज वर्मा दाे काे हटा दिया गया है। इनका कहना है कि एआईसीटी के परिवर्तन अनुसार उनकाे 31 जुलाई 2022 तक का समय मिलना चाहिए था। इस बारे में कमेटी सदस्य डाॅ. संदीप राणा ने बताया कि कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। एआईसीटीई के नियमों काे देखा जा रहा है, मामले से जुड़ा रिकॉर्ड देखा जा रहा है, कमेटी सदस्याें ने आज मीटिंग की है।
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