नए शैक्षणिक सत्र से आरटीई के तहत दाखलिा न देने वाले निजी स्कूलाें की खैर नहीं। क्याेंकि शिक्षा विभाग के अतरििक्त मुख्य सचवि डाॅ. महावीरसिंह प्रसाद ने आदेश जारी किया है, जिसमें आरटीई के तहत दाखलिा प्रक्रिया का उल्लंघन करने वाले निजी स्कूलाें की मान्यता रद्द जलिा माैलिक शिक्षा अधिकारी कर सकेंगे। इससे पहले माैलिक शिक्षा निदेशक के सामने जांच कमेटी की रिपाेर्ट पेश करनी हाेगी। जहां से क्लीन चिट मलिने के बाद डीईईओ मान्यता रद्द कर सकेंगे।
इतना ही नहीं, संबंधित निजी स्कूल पर एक लाख का जुर्माना लगाने का अधिकार भी दिया गया है। शर्त यह रहेगी कि जिस निजी स्कूल के खलिाफ शिकायत आई है उसे एक या इससे अधिक बार नाेटिस दिया जाना चाहिए। जिसके लिए निजी स्कूल काे एक माह के भीतर पक्ष रखना हाेगा। अगर उसके बाद भी नियमाें की अवेहलना हाेती है ताे डीईईओ की तरफ से निजी स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
5 सदस्यीय कमेटी बनेगी
हरियाणा निशुल्क और बाल शिक्षा का अधिकार संशोधन नियम-2022 के तहत डीईईओ की अध्यक्षता में ही पांच सदस्यीय समिति गठित होगी। दो स्कूल शिक्षक, पंचायत प्रतनििधि व सामाजिक कार्यकर्ता शामलि होंगे। जाे संबंधित निजी स्कूल काे स्पष्टीकरण के लिए नाेटिस भेजेंगे। जिसे एक या दाे बार भेजा जाएगा। एक माह में निजी स्कूल काे स्पष्टीकरण का जवाब देना हाेगा। अगर जवाब से जांच कमेटी संतुष्ट नहीं हाेती है ताे कमेटी के सदस्य खुद संबंधित स्कूल में जाएंगे। जहां वे जांच कर मान्यता रद्द करने की सिफारिश ही कर सकेंगे। जिसके बाद डीईईओ अपने स्तर पर निजी स्कूल की मान्यता रद्द कर निदेशालय काे रिपाेर्ट साैंपेंगे।
अतरििक्त मुख्य सचवि डाॅ. महावीरसिंह प्रसाद की तरफ से एक अधिसूचना जारी की है। जिसमें निजी स्कूल की मान्यता रद्द करने की पाॅवर डीईईओ काे दी गई है। इससे पहले माैलिक शिक्षा निदेशक के सामने संबंधित निजी स्कूल की रिपाेर्ट पेश कर परमिशन लेनी हाेगी। जिसके बाद ही डीईईओ अपने स्तर पर निजी स्कूल की मान्यता रद्द कर सकते हैं। हालांकि कुछ शर्ताें का पालन करना हमारे लिए भी जरूरी है।'' -धनपत राम, जलिा माैलिक शिक्षा अधिकारी, हिसार।
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