हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह राजनीति में एक दूसरे के धुर विरोधी रहे, लेकिन हाल ही में एक शादी समारोह में दोनों की मुलाकात हुई। दोनों ने जिस गर्मजोशी से हाथ मिलाया, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों के बीच कुछ नई खिचड़ी पक रही है।
दोनों नए राजनीतिक समीकरण बना रहे हैं। बीरेंद्र सिंह 23 मार्च को जींद में रैली करने जा रहे हैं, इसमें कुछ नए राजनीतिक फैसले लिए जा सकते हैं। हुड्डा और बीरेंद्र ने मिलते ही एक दूसरे से हाथ मिलाया। हुड्डा ने कहा कि पहले ये मेरे भाई हैं। फिर दोस्त भी रहे। हालांकि मेरे राजनीतिक फैसले अलग हैं और इनके राजनीतिक फैसले अलग होते थे।
हुड्डा की बात काटी
हुड्डा की बात को बीच में काटते हुए बीरेंद्र सिंह बोले अभी राजनीतिक फैसले लिए कहा हैं। यह सुनते ही हुड्डा ने बीरेंद्र के गाल पर हाथ लगाकर उनको गले लगा लिया। दोनों खूब हंसे। ये नजारा देखकर कार्यकर्ता बोले कि कितनी बड़ी खबर है। ये यादगार तस्वीर है। इसके बाद हुड्डा ने उन्हें रुकने के लिए कहा तो बीरेंद्र ने कहा कि वे जा रहे हैं। हुड्डा बीरेंद्र को एक ओर ले गए।
हुड्डा से है रिश्तेदारी
पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के साथ रिश्तेदारी भी है। दोनों मौसरे भाई हैं। बीरेंद्र सिंह ने कभी हुड्डा को विधानसभा टिकट दिलवाकर चुनाव लड़वाया था। 2004 विधानसभा चुनावों में हुड्डा सीएम बने तो बीरेंद्र सिंह वित्त मंत्री बने, लेकिन 2009 विधानसभा चुनावों में बीरेंद्र सिंह उचाना से हार गए। इसके बाद बीरेंद्र और पूर्व सीएम के रिश्तों में तल्खियां आ गई।
रेल मंत्री बनने से रुकवाया
2009 के बाद बीरेंद्र सिंह को कांग्रेस ने उत्तराखंड का प्रभारी बनाया। उन्हें राज्यसभा सांसद बनाकर केंद्र में भेजा। इसी बीच मनमोहन सरकार के पार्ट टू में मंत्रिमंडल विस्तार में उनका रेल मंत्री बनना तय हो गया, लेकिन रातो-रात इस फैसले को हुड्डा ने पलटवा दिया। बीरेंद्र सिंह रेल मंत्री नहीं बन पाए। इसके बाद कांग्रेस हाईकमान से नाराजगी के चलते बीरेंद्र सिंह ने पार्टी छोड़ दी और भाजपा जॉइन की। भाजपा ने राज्यसभा सांसद होने के चलते उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया।
ट्रेजडी किंग के नाम से जाने जाते हैं बीरेंद्र सिंह
बीरेंद्र सिंह अपने बेबाकी और बयानों के लिए हमेशा चर्चित रहते हैं। हरियाणा की राजनीति में वे ट्रेजडी किंग के नाम से जाने जाते हैं। 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मौत के कारण वे हरियाणा के सीएम बनते-बनते रह गए। राजीव गांधी के वे काफी करीबी थे। कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने बयान दिया था कि राज्यसभा सांसद बनने के लिए 100 करोड़ रुपए देने पड़ते हैं।
इसके अतिरिक्त उन्हें सीएम न बनने का भी गम रहा है। इसलिए वे हरियाणा की राजनीति में ट्रेजडी किंग के नाम से जाने जाते हैं।
23 मार्च को जींद में रैली
अब वे 23 मार्च को जींद में रैली कर रहे हैं। जिसमें वे कुछ मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे। इस दिन वे कोई बड़ा राजनीतिक फैसला भी ले सकते हैं। हालांकि कुछ दिनों पहले उन्होंने चंडीगढ़ में हरियाणा सीएम मनोहर लाल से मुलाकात करके कुछ मुद्दों पर उनसे बातचीत की। बीरेंद्र सिंह के बेटा बृजेंद्र सिंह हिसार लोकसभा क्षेत्र से सांसद है।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.