हरियाणा के हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आज किसान दिवस का आयोजन किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह की 119वीं जयंती पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय मुख्यातिथि थे। कार्यक्रम में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि लैब की रिसर्च को लैंड तक लेकर जाना होगा। इसके अलावा प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा देना होगा। प्राकृतिक खेती से देश के किसान की दशा व दिशा बदल सकती है। इसके लिए किसान अधिक से अधिक प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दें क्योंकि इसकी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत ज्यादा डिमांड बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि स्वर्गीय चरण सिंह का मानना था कि राष्ट्र की संपन्नता देहाती एरिया में मौजूद है। राष्ट्र तभी संपन्न हो सकता है जब ग्रामीण क्षेत्र का विकास हो और ग्रामीण लोगों की क्रय शक्ति अधिक हो। उन्होंने कहा कि कहा कि जिस दिन स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह ने स्वतंत्र भारत के 5वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली तो उस दिन देश के किसानों, दलितों, पिछड़ों सभी में खुशी की लहर दौड़ गई थी क्योंकि उस दिन उन्हें सत्ता में उनकी भागीदारी का अहसास हुआ था जो उनका बहुत पुराना सपना था। राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं को घर-परिवार व अन्य कृषि कार्यों के लिए निर्णय लेने की जिम्ममेदारी सौंपनी चाहिए। इससे एक ओर जहां महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा, वहीं देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने कहा कि विश्वविद्यालय ने विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों को विकसित करके, आधुनिक तकनीकों को ईजाद करने सहित विभिन्न क्षेत्रों में अवार्ड हासिल कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए स्वर्गीय चरण सिंह को सदैव याद किया जाएगा और यही कारण है कि उनके अतुलनीय योगदान का स्मरणीय बनाने के लिए हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार का नाम उनके नाम पर रखा गया है जो उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
विश्वविद्यालय के इंदिरा गांधी सभागार में होने वाले इस कार्यक्रम में 20 किसानों को सम्मानित किया गया। इस दौरान यमुनानगर के गांव तलाकौर के किसान गुरमेल सिंह को किसान रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसके अलावा प्रदेश की 19 प्रगतिशील महिला किसानों को भी सम्मानित किया गया।
इन क्षेत्रों में किया है महत्वपूर्ण कार्य
इन प्रगतिशील महिला किसानों ने कृषि में विविधिकरण, पशुपालन व उत्पाद मूल्य संवर्धन, कस्टम हायरिंग सेंटर, फसल उत्पादन, फल एवं सब्जी परीक्षण, आचार उत्पादन एवं बाजरा उत्पादन, फसल विविधिकरण, जल संरक्षण, स्वयं सहायता समूह एवं महिला सशक्तिकरण, सब्जी की संरक्षित खेती, स्वयं सहायता समूह बनाने के लिए मुख्य प्रशिक्षक, वस्त्र सज्जा एवं बिक्री केंद्र, मशरूम उत्पादन, मशरूम एवं स्पान उत्पादन, फल एवं सब्जी मूल्य संवर्धन, जैविक नियंत्रण द्वारा समन्वित किट प्रबंधन, पशुपालन एवं किचन गार्डनिंग आदि क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किया है।
इन 19 प्रगतिशील महिला किसानों को मिला सम्मान
- रोहतक जिले के गांव इस्माइला से कमलेश पत्नी रामजीवन - भिवानी जिले के गांव गोपालवास से मुकेश पत्नी मंदीप - पानीपत के बाल जाटान से ममता पत्नी प्रवीण - यमुनानगर के अलखगढ़ से नीरजा चौहान पत्नी राहुल चौहान - अंबाला के नंगल राजपुताना से मीणा कुमारी पत्नी सुरेश कुमार - बावल के किशनपुर से मनीषा पत्नी लालचंद - फतेहाबाद के बंदोरी से सरला पत्नी पृथ्वी सिंह - यमुनानगर के अलखगढ़ से रेखा पत्नी सुखबीर सिंह - सिरसा के अरनियांवाली से सुनीता पत्नी कृष्ण कुमार - महेंद्रगढ़ के बुदीन से उर्मिला पत्नी राज कुमार - कैथल के कालाशर से पूजा आर्य पत्नी राजेश - फरीदाबाद के बड़ोली से सरोज पत्नी दक्ष कुमार - झज्जर के ढाकला से पिंकी पत्नी सुखबीर सिंह - करनाल के कंबोपुर से कविता पत्नी कर्मबीर - कुरूक्षेत्र के भौर सायंदा से कमरजीत कौर पत्नी हरपाल सिंह - सोनीपत के खन्ना कालोनी से सुनीता आहुजा पत्नी राकेश कुमार - जींद के निडाना से कमलेश पत्नी जोगिंद्र सिंह - पलवल के हथीन से सुनीता रानी पत्नी रामजीत - हिसार के आदमपुर से परमेश्वरी पत्नी रायसाहब को सम्मानित किया गया
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