हरियाणा के हिसार जिले की आदमपुर सीट के उपचुनाव में कुल 75.25% मतदान हुआ। मतदान पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा। मतदान के बाद सभी EVM को सील कर स्ट्रॉन्ग रूम में बंद कर दिया गया है। जिसके बाद कड़ी सुरक्षा लगा दी गई। मतगणना 6 नवंबर को होगी।
वहीं, वोटिंग के बीच आदमपुर गांव के स्कूल में बने मतदान केंद्र के बाहर झड़प हो गई। यहां एडवोकेट राकेश के साथ पूर्व सरपंच के बेटे संजय दानी व उसके भतीजे ने मारपीट की। यही नहीं आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी। सूचना पर हिसार के एसपी मौके पर पहुंचे। उन्होंने एडवोकेट राकेश को आदमपुर थाना में जाकर शिकायत देने के लिए कहा। जिस पर सभी सहमत होकर चले गए।
वहीं, घुड़साल में रोहतक नंबर की संदिग्ध ब्रेजा कार मिली। जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया और आदमपुर थाने ले गई है। कार में रोहतक का पूर्व सरपंच और उसका साथी बैठा हुआ था। दोनों सांघी गांव के बताए जा रहे हैं। पुलिस ने आदमपुर से बाहरी लोगों को कल शाम 5 बजे वापस जाने को कहा था। दोनों से पूछताछ की जा रही है।
मतदान के अंतिम घंटे में कांग्रेस-भाजपा में "मैसेज वार"
मतदान के अंतिम घंटे में भाजपा और कांग्रेस के बीच सोशल मीडिया पर मैसेज वार शुरू हो गई। भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ मैसेज वायरल कर दिया, जिसमें लिखा कि कांग्रेस ने हार स्वीकार कर ली है, उनके कार्यकर्ता आदमपुर उपचुनाव में मतदान के बीच बूथ छोड़कर भाग गए हैं।
वहीं, इसके जवाब में कांग्रेस ने भी मैसेज वायरल करने शुरू कर दिए कि भाजपा उम्मीदवार भव्य बिश्नोई की फोटो के पास कुछ लोग बैठे हैं। जिनके पास बिस्किट और नमकीन के पैकेट पड़े हुए हैं। इसमें कहा जा रहा है कि भाजपा वाले बिस्किट, नमकीन और चाय सब दे रहे हैं, फिर भी कोई वोटर उनके बूथ पर नहीं आ रहा।
कुलदीप-भव्य ने डाला वोट
इस बीच पूर्व विधायक कुलदीप बिश्नोई ने BJP उम्मीदवार बेटे भव्य बिश्नोई और पत्नी रेणुका बिश्नोई के साथ मतदान किया। मतदान करने से पहले वह मंदिर गए। फिर पूर्व CM भजनलाल की समाधि पर माथा टेका। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सतेंद्र ने वोट डालने से पहले हनुमान मंदिर में माथा टेका।
आधी रात 3 हजार में वोटर खरीदने पर बवाल
वहीं, दड़ौली गांव में मतदान से पहले रात को एक व्यक्ति वोटर को खरीदने पहुंचा। व्यक्ति ने युवती को 3 हजार रुपए का लालच दिया, लेकिन युवती ने ये पैसे नहीं लिए और इसकी शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी से की। शिकायत मिलने के बाद व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
इस उपचुनाव में मुख्य राजनीतिक दल भाजपा, कांग्रेस, इनेलो और आम आदमी पार्टी है। हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा के भव्य बिश्नोई और कांग्रेस के जयप्रकाश के बीच माना जा रहा है। भव्य बिश्नोई के आगे जहां परिवार का गढ़ बचाने की चुनौती है। वहीं, जयप्रकाश के बहाने दिग्गज कांग्रेसी भूपेंद्र सिंह हुड्डा की साख दांव पर लगी है।
आम आदमी पार्टी ने भाजपा छोड़कर आए सतेंद्र सिंह पर दांव खेला है। वहीं इनेलो ने कांग्रेस छोड़कर आए कुरडाराम नंबरदार को उम्मीदवार बनाया है।
भाजपा के भव्य बिश्नोई पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पोते हैं। इससे पहले वह कांग्रेस से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। जिसमें वह हार गए थे। वहीं कांग्रेस के जयप्रकाश तीन बार हिसार से सांसद और एक बार केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। वह 2014 में कैथल के कलायत से निर्दलीय विधायक भी बन चुके हैं।
180 बूथ, 1 लाख 71 हजार 473 मतदाता
आदमपुर में 180 बूथों पर सुबह 7 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक मतदान होगा। इन बूथों में 36 संवेदनशील और 39 अति संवेदनशील बूथ है। आदमपुर उपचुनाव में 1 लाख 71 हजार 473 मतदाता है, जिनमें से 91 हजार 805 पुरुष तथा 79 हजार 668 महिला मतदाता है। उपचुनाव की मतगणना 6 नवंबर को होगी। मतगणना के लिए 14 टेबल लगाई जाएगी और 13 राउंड में मतों की गणना की जाएगी।
क्यों हो रहा है उपुचनाव?
कुलदीप बिश्नोई वर्ष 2019 में इसी सीट से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट से जीतकर आए थे। वे पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पुत्र है। हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ तालमेल न बैठने पर इस्तीफा दे दिया। 9 अप्रैल 2022 को सैलजा के इस्तीफे के बाद कुलदीप बिश्नोई अध्यक्ष पद के दावेदार थे। हालांकि हुड्डा की चली और उदयभान अध्यक्ष बन गए। जिस वजह से कुलदीप ने कांग्रेस छोड़ दी। फिर वह भाजपा में शामिल हो गए और यहां के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया।
आदमपुर पर रहा है भजनलाल परिवार का वर्चस्व
आदमपुर विधानसभा से अब तक पूर्व सीएम भजन लाल का परिवार ही जीतता रहा है। इसी सीट पर अब भजनलाल की तीसरी पीढ़ी के रूप में भव्य बिश्नोई चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। वर्ष 1968, 1972, 1977 और 1982 में भजन लाल यहां से विधायक चुने गए।
1987 में भजन लाल की पत्नी जसमा देवी ने चुनाव जीता। 1991 और 1996 में फिर भजन लाल चुनाव जीते। 1998 में उप चुनाव हुए और कुलदीप बिश्नोई विधायक चुने गए। फिर 2000 और 2005 में भजन लाल विधाक चुने गए। 2008 के उपचुनाव में भी भजनलाल ही जीते। 2009 के चुनाव में कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई चुनाव जीती। इसके बाद 2014 और 2019 में कुलदीप बिश्नोई चुनाव जीतकर विधायक बने।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.