हरियाणा में हिसार के उकलाना में सोमवार रात को बाबा भीम राव अंबेडकर की मूर्ति हटाने पर विवाद हो गया। प्रतिमा कुंदनपुर रोड पर कुछ दिन पहले ग्रामीणों ने लगाई थी। सोमवार रात को पुलिस प्रशासन ने 12 बजे इस मूर्ति को वहां से उखाड़ लिया। दलित समाज के लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। आज दलित समाज के लोग दोबारा एकजुट होंगे।
जानकारी के अनुसार, उकलाना के कुंदनपुर रोड पर दलित समाज के ग्रामीणों ने कुछ दिन पहले सड़क किनारे बाबा भीम राव अंबेडकर की मूर्ति स्थापित की थी। सोमवार रात को 12 बजे पुलिस प्रशासन ने मूर्ति को वहां से हटवा दिया। जैसे ही इसकी सूचना दलित समाज को मिली तो वे लोग धरना स्थल पर पहुंच गए। हालांकि तब तक पुलिस मूर्ति को उठाकर ले चुकी थी। लोगों को इक्ट्ठा होने की सूचना पर पुलिस दोबारा पहुंची।
जिसने मूर्ति लगवाई, उनके नाम बताए
थाना प्रभारी महेंद्र सिंह ने ग्रामीणों को कहा कि नियमों के तहत मूर्ति को लगाए। जिसने भी लगाई है, उनके नाम बताए। उन लोगों ने ये मूर्ति तुड़वाने के लिए ही लगवाई है। बाबा साहेब हमारे संविधान के निर्माता है और उनकी वजह से हम और आप सब लोग है। कानून में रहकर ही काम करना चाहिए।
मूर्ति सुरक्षित है : SHO
थाना प्रभारी ने कहा कि यह मूर्ति तोड़ी नहीं गई, ये हमारे पास सुरक्षित है। मैं कागज देकर जाता हूं, उनके नाम लिखकर दो, जिन्होंने लगाई है। आप लोगों ने मूर्ति असुरक्षित लगाकर छोड़ दी। थाने में आकर शिकायत करो। आप लोगों ने इसे गलत तरीके से लगाया है। वहीं दलित समाज के लोगों ने कहा कि प्रशासन ने उनके साथ गाली गलौज की है। पुलिस प्रशासन पर किसका दबाव था कि मूर्ति को उखाड़ कर ले गए। ग्रामीण पुलिस प्रभारी के कथनों से सहमत नहीं हुए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद थाना प्रभारी लौट गए।
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