किसान आंदोलन के समर्थन में पिछले 10 महीने से चल रहा वकीलों का धरना आज स्थगित कर दिया है। सुबह 11 बजे कार्यक्रम आयोजित कर आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने के बाद यह धरना उठा लिया गया। किसानों के समर्थन में हिसार के कई वकीलों पर केस भी दर्ज हुए व वकील पुलिस से भी भिड़ गए थे। आज के कार्यक्रम में किसान आंदोलन में लगातार शामिल रहे किसान नेताओं को वकीलों द्वारा सम्मानित किया गया व किसानों द्वारा वकीलों का धन्यवाद किया गया।
हिसार बार प्रदेश की इकलौती बार है, जिसमें गत 10 महीने से किसान आंदोलन के पक्ष में यह धरना चल रहा था और सबसे पहले यहीं पर धरना शुरू हुआ था। वरिष्ठ एडवोकेट जेएस मल्ही के अनुसार कृषि कानून अकेले किसान ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के हर वर्ग के लिए नुकसानदायक थे, इस बात का सभी को भान था। किसानों ने मजबूती से इस लड़ाई को लड़ा है और वकीलों ने भी इसमें अपना पूरा योगदान दिया है। यह अकेले किसानों की लड़ाई नही थी 97 प्रतिशत जनता की लड़ाई थी जिसे किसानों ने मजबूती और शांति से लड़ा है। मल्ही ने कहा कि वकीलों ने अभी अपना धरना स्थगित किया है, अगर सरकार की नियत में कोई खोट नजर आया तो फिर से धरना शुरू किया जाएगा।
वकीलों ने भी अपना हरसंभव इसमें योगदान दिया है, जिसके कारण काले कानून सरकार को वापस लेने पड़े। किसानों की सरकार के साथ बनी सहमति के बाद वकील भी अपने धरने को खत्म कर देंगे। ज्ञात रहे कि किसान आंदोलन के समर्थन में धरनारत वकीलों ने किसानों पर दर्ज केस बिना फीस लड़ने का ऐलान किया था व बीते दिनों वकीलों ने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का विरोध किया था। धरने पर जे एस मल्ही, सतेन्दर घनघस, अमरजीत बिश्नोई, कमल सहरावत, भूपेंद्र पन्नू, रामकुमार सोलंकी, राजपाल मलिक , अजीत डांण्डा ,प्रदीप बाजिया, राजबीर सिंह पुनिया, अर्जुन सिंह राणा, मनजीत नैन, देवीलाल गोदारा, विक्रम खटकड़, हर्षदीप गिल, योगेश सिहाग, एम एस सांगवान, विक्रम मित्तल, संदीप श्योराण , राजेंद्र सिंह संधू , सोमदत्त शर्मा, प्रमोद बागड़ी, रघुबीर सिंह, संजीव ग्रेवाल, समीर सिहाग, शमशेर सिंह, रत्न सभरवाल, सुरेंद्र सहरावत, बृजलाल मावलिया, रोहित मल्हन, मनीष बंसल, प्रवीन लडोइया, जगदीप ढांडा, कपूर सिंह, संजीव पूनिया आदि वकील व काफी संख्या में किसान नेता मौजूद थे।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.