तेल और गैस की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण रसोई का खर्चा बीते कुछ महीनों में दोगुना हो गया है। इस महंगाई के बीच अब हैफेड ने भी अपने उत्पादों की कीमतों में इजाफा कर दिया है। हैफेड ने चाय, चीनी, तेल, आटा की कीमतों में 1 रुपये से लेकर 26 रुपए तक की बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी का सीधा असर आम आदमी की रसोई पर पड़ने वाला है।
हैफेड ( हरियाणा स्टेट मार्केट एन्ड सप्लाई फेडरेशन ) की तरफ से जारी पत्र के अनुसार, सेल काउंटर पर बेचे जाने वाले उत्पाद की नई कीमतें निर्धारित कर दी गई हैं। अब सेल काउंटर पर नई दर से सामान बेचा जाएगा।
ज्ञात रहे कि हैफेड के प्रदेश के जिलों के इलावा हिमाचल, पंजाब, दिल्ली, जम्मू कश्मीर में भी रिटेल स्टोर हैं। वहां पर भी घरेलू व कृषि उत्पाद बेचे जाते हैं। हैफेड के उत्पादों को किफायती व बढ़िया क्वालिटी का माना जाता है। हैफेड सीधा किसानों से कच्चा माल खरीदता है और प्रोसेस करके कम मुनाफे पर बाजार में लोगों को उपलब्ध करवाता है। विभिन्न सरकारी स्कीमों में भी हैफेड के उत्पाद ही वितरित किए जाते हैं।
सरसों के तेल में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी, बीपीएल योजना में बन्द हो चुका है
बीते कुछ ही महीनों में सरसों में आई तेजी का असर तेल बाजार पर भी पड़ा है। मंडियों में सरसों की कीमतें 4 हजार क्विंटल से बढ़कर 7 हजार पहुंच जाने के कारण तेल की कीमतें भी उसी रफ्तार से बढ़ी हैं। सरसों के तेल को आम व गरीब आदमी का खाना माना जाता है, इस कारण से तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा असर गरीब वर्ग पर हुआ है। इस साल जनवरी में सरसों के 1 लीटर तेल की कीमत 143 रुपए थी, जो अब 187 रुपए लीटर पहुंच गई है। मार्केट में तेजी के कारण खरीद में हैफेड को एक दाना सरसों भी नहीं मिल पाई थी, जिस कारण से BPL परिवारों को दी जाने वाले 2 लीटर सरसों तेल योजना बन्द कर दी गई है। अब गरीब परिवारों को 2 लीटर सरसों तेल की बजाय 250 रुपए नकद दिए जा रहे हैं, लेकिन बाजार में 2 लीटर तेल की कीमत 400 तक पहुंच गई है।
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