साध्वियों के यौन शोषण व हत्या के 2 केस में सजा काट रहे राम रहीम के नशा छुड़वाने के चैलेंज से माहौल गर्मा गया है। राम रहीम ने नशा छुड़वाने के नाम पर अब अपने विरोधियों को चुनौती दी। पैरोल पर UP के बागपत स्थित बरनावा डेरे में ऑनलाइन सत्संग करते हुए राम रहीम ने कहा कि आप लोग केवल अपने धर्म के लोगों का ही नशा छुड़वा दो। आ जाओ खुले मैदान में, हमारा चैलेंज है।
राम रहीम अपने विरोधियों का नाम नहीं ले रहा, लेकिन उसका इशारा पंजाब के सिख संगठन और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन की ओर माना जा रहा है।
इसके जवाब में पंजाब के मंत्री कुलदीप धालीवाल ने कहा कि राम रहीम को हमारे धर्म के बारे में बोलने का क्या अधिकार है?। हम सामाजिक बुराई को दूर करने में लगे हुए हैं। हमारे पास SGPC है और सरकार भी लगी हुई है। हमें राम रहीम से गाइडेंस लेने की जरूरत नहीं है।
अपने धर्म वालों का नशा छुड़वा लो
डेरा प्रमुख ने कहा कि हम बार-बार देश के गणमान्य लोगों से आह्वान कर रहे हैं। सभी धर्मों के गणमान्य लोगों से हम विनती करते रहे हैं कि आप भी आओ, राम- नाम से नशा छुड़वाओ। बाकी बातें फिर करते रहना, एक बार समाज को तो सुधार लो।
ये मेरा है, ये तेरा है, सभी एक ही नूर से पैदा हुए हैं। आप लोगों को लगता है कि आपका धर्म सही है। हम कहते हैं कि सारे ही सही हैं। अपने धर्म वालों का तो नशा छुड़वा दो। इतने में काम हो जाएंगे।
नशा छुड़वाने के लिए आओ मैदान में
डेरा प्रमुख ने कहा कि आप लोग सोचते होंगे कि हम राम रहीम के कहने पर शुरू हो गए तो नंबर उसके बन जाएंगे। आप करो, आप के नंबर है। मेरे नंबर भी ले लेना। नशा छुड़वाने के लिए मैदान में आए तो सही, लेकिन दूसरी चीजों पर फोकस रहता है।
हम राम रहीम के कहने पर शुरू हो गए तो नंबर तो उसके ही बनेंगे। हमें कोई दिक्कत नहीं है। राम रहीम ने कहा कि बड़ी एनजीओ खुली है। मानवता भलाई के काम कर रहे होंगे, लेकिन अपने पर्चे में ये भी एड कर लिया करो कि कितनों का नशा छुड़वाकर जान बचाई।
SGPC कर रही है विरोध
राम रहीम की पैरोल का SGPC विरोध कर रही है। पंजाब में 29 जनवरी को राम रहीम ने शाह सतनाम सिंह का भंडारा बठिंडा के सलाबतपुरा में रखा था। पंजाब के सिखों ने इसका विरोध किया था। वहीं SGPC भी राम रहीम की पैरोल के विरोध में कोर्ट जाने की बात कर चुकी है। इसलिए राम रहीम अब उन्हें चुनौती दे रहा है।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.