प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के साथ ही नेताओं का रंग भी बदलने लगा है। हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने आंदोलनकारियों को किसान भाई बताते हुए हाथ जोड़कर उनसे खुशी-खुशी घर वापसी करने की अपील की है। इससे दो दिन पहले ही मंत्री दलाल इस आंदोलन को कांग्रेस समर्थित बता चुके हैं और आंदोलनकारियों के बारे में विवादित टिप्पणी कर चुके हैं। इसके अलावा भी आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के बारे में भी मंत्री ने कहा था कि इनको तो मरना ही था, यहां नहीं मरते तो घर मरते।
शुक्रवार को कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देशहित में जो निर्णय लिया है, उसका वह स्वागत करते हैं। प्रधानमंत्री ने हर वर्ग के लिए कई हितैषी फैसले लिए हैं। आज प्रधानमंत्री ने गुरु पर्व के अवसर पर बड़ा दिल दिखाते हुए कानून वापस लेने का फैसला लिया है। मंत्री ने कहा कि वह किसान भाइयों से प्रार्थना करते हैं कि खुशी-खुशी प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत करते हुए बॉर्डर से वापस अपने घर लौट जाएं। किसानों ने कोरोना काल में देश की जो मदद की है, उसके लिए किसान बधाई के पात्र हैं और सब उनको नमन करते हैं।
जेपी दलाल ने कहा था कि यह आंदोलन किसानों का नहीं, कांग्रेस का है। बस कांग्रेस से पार्टी का झंडा हटा दिया है। कांग्रेस, भाजपा सरकार को अस्थिर करके कुर्सी हथियाना चाहती है। टिकरी बॉर्डर पर किसान नहीं है, वहां तो कुछ जत्थेदार किसानों का नाम लेकर बैठे हैं। इस आंदोलन के पीछे विदेशी ताकतों, चीन औऱ पाकिस्तान का हाथ है। वे चाहते हैं कि देश में अस्थिरता लाई जाए। इससे पहले भी कृषिमंत्री जेपी दलाल आंदोलन के विरोध में लगातार विवादित बयान देते रहे हैं।
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