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जिले में कोरोना से बचाव का टीकाकरण चल रहा है। अभी तक 24 साइट्स पर 74 सेशन लग चुके हैं। जिनमें कोविन पोर्टल द्वारा अप्रूव्ड 7668 लाभार्थियों में से 4347 को ही पहला टीका लग पाया है। इनमें से 35 ऐसे थे जिनकी टीका लगने के बाद मामूली तबीयत बिगड़ी थी। गुरुवार को 9 साइट्स पर 1557 में से 816 ने टीका लगवाया है। किसी को कोई दिक्कत नहीं हुई।
अभी तक टीकाकरण के तहत कुल 57 फीसद उपलब्धि हासिल हो सकी है। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. तरूण कुमार ने बताया कि बाकी 33 फीसद काे टीका नहीं लगने के पीछे अलग-अलग कारण सामने आए हैं। 10 फीसद ऐसे वॉरियर्स हैं जोकि साइट पर टीका लगवाने पहुंचे थे मगर किसी को ड्रग एलर्जी तो कोई गर्भवती या फिर अस्वस्थ मिले थे। तब इन्हें रिजेक्ट करते हुए टीका नहीं लगाया है। शेष 23 फीसद के अलग-अलग कारण हैं।
कुछ पोर्टल की खामी के कारण टीका नहीं लगवा पाए थे तो कोई डर से कदम नहीं बढ़ा रहा है। काफी वॉरियर्स ऐसे हैं, जिनकी टीकाकरण में दिलचस्पी नहीं है। और भी कोई कारण है तो उसे जानने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने फील्ड में टीमों को उतारा है।
मुस्कुराते हुए लगवाया कोरोना पर जीत का टीका, इसलिए भ्रम और भ्रांतियां छोड़िए... महाअभियान में जुड़िए
कोई दुष्प्रभाव नहीं : डॉ. जितेंद्र
कोरोना पर नियंत्रण की लंबी लड़ाई के बाद पहला टीका लगा है। कोई साइड इफेक्ट नहीं है। अगर आपका तन और मन स्वस्थ है तो टीका का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा।'' -डॉ. जितेंद्र, डी.सीएमओ एवं डीआईओ एनएचएम।
आज यहां होगा टीकाकरण: सिविल अस्पताल, अग्रोहा मेडिकल कॉलेज, जिंदल अस्पताल, सीएचसी बरवाला।
आंगनबाड़ी वर्कर-हेल्पर की दिलचस्पी नहीं: स्वास्थ्य विभाग के अनुसार आंगनबाड़ी वर्कराें व हेल्परों को वॉरियर का दर्जा दिया है। इनकी संख्या करीब साढ़े तीन हजार है। मगर ज्यादातर टीकाकरण के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। इनके विभाग अधिकारियों से सहयोग मांगा है। यह मामला डीसी तक पहुंच गया है। वहीं, अनीता दलाल ने कहा कि सभी को मोटिवेट भी कर रहे हैं।
कोरोना को हराकर लगवाया टीका
कोरोना पर नियंत्रण का प्लान बनाते हुए संक्रमित हुई थी। कई दिनों तक संक्रमण से लड़ते हुए हराया। वैक्सीनेशन को लेकर काफी उत्सुकता थी। सोचती थी - कब मेरा नंबर आएगा। गुरुवार को लिस्ट में मेरा नाम था। जीत का पहला टीका लगवाते हुए बिल्कुल घबराहट नहीं हुई। न बाद में कोई दिक्कत महसूस हो रही है।'' - डॉ. शिल्पी, महामारी विद्, सिविल अस्पताल।
संक्रमण के बीच डर नहीं लगा तो अब क्यों डरें : डॉ. गरिमा
दिन-रात ड्यूटी के बाद कोरोना से बचाव का पहला टीका लगवा लिया। जब दूसरों से सुनते थे कि टीके के साइड इफेक्ट्स होंगे, तब उन्हें समझाते थे कि बच्चों को जब टीका लगवाते थे तब उनको भी उल्टी, बुखार व दर्द होता था। ये सभी लक्षण वायरस से लड़ने के लिए एंटी बॉडीज बनने की निशानी हैं।
- डॉ. गरिमा, माइक्रो बायोलॉजिस्ट, सिविल अस्पताल।
कोई साइड इंफेक्ट नहीं
कोरोना वैक्सिनेशन के दौरान मन में कोई भय नहीं था। वैक्सीन लगने के बाद हल्का बुखार और जकड़न महसूस हुई थी। चंद घंटों बाद पहले की तरह स्वस्थ हूं। वैक्सीन लगवाने से घबराना नहीं चाहिए। - डॉ. स्नेहलता जिंदल, एसएमओ नागरिक अस्पताल, आदमपुर।
भ्रांति को दूर कर लगवाया टीका
वैक्सिनेशन से पहले मन में कुछ भ्रांति थी तो बुखार, उल्टी, जी मचलाना इत्यादि का डर था। अस्पताल का सीओओ होने के नाते अपनी भ्रांति को दूर किया। दूसरों को हिम्मत देने के लिए सबसे पहले मैंने ही वैक्सीन लगवाई। - राकेश झा, सीओओ, एसएल मिंडा हॉस्पिटल, बगला।
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