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वार्ड नंबर 29 में हो रहे उपचुनाव के लिए सियासी गलियारा बिछ चुका है। रविवार से प्रत्याशियों के साथ-साथ उनको समर्थन करने वाली पार्टियों के राजनेता भी मैदान में उतर चुके हैं। प्रचार के लिए चुनावी कार्यालयों का शुभारंभ हो गया है। महिला आरक्षित इस वार्ड में चुनाव मैदान में उतरी चारों महिला प्रत्याशी अपनी-अपनी पहचान और छवि के चलते एक दूसरे पर भारी पड़ती नजर आ रही है।
कोई प्रत्याशी सियासी ताकत के चलते मजबूत है तो कोई अपनी शिक्षा और समाज में बनाई पहचान के चलते भारी पड़ रही है। इस प्रकार यह उपचुनाव बड़ा ही रोचक होने की ओर बढ़ रहा है। फिलहाल कयास लगाने मुश्किल है कि चुनावी रूख किस दिशा की तरफ दिख रहा है। सभी प्रत्याशियों ने अपना अपना चुनावी कैंपेन शुरू कर दिया है। सभी का एक ही नारा है कि वार्ड का विकास और वार्डवासियों की दुख तकलीफ को उठाने की जिम्मेदारी हमारी रहेगी।
सियासी पार्टियां भले ही यह चुनाव 9 महीने बाद होने वाले नप के आम चुनाव से पहले का अभ्यास मानकर अपनी ताकत परखने की सोच रही होगी। मगर जनता ने अभी से मन बनाया हुआ है कि उनका प्रत्याशी सियासी पार्टी की बजाए उनके सम्मान सोच रखने वाला होना चाहिए। जो वार्ड का विकास करवा सके। भले ही वह कुछ समय के लिए ही क्यों ना हो। इसलिए यह उपचुनाव अहम माना जा रहा है।
बीजेपी पार्टी के पदाधिकारी और नेता कर रहे अंजनी के समर्थन में जनसंपर्क
वार्ड नंबर 29 का उपचुनाव पार्षद ज्ञान देवी के निधन के चलते हो रहा है। स्व. ज्ञान देवी बीजेपी की ओर से जीतकर पार्षद बनी थीं। अब बीजेपी ने उनकी जगह उनकी पुत्रवधू अंजनी मेहता को मैदान में उतारा है। दिवंगत ज्ञान देवी की पुत्रवधू होने की सहानुभूति का लाभ अंजनी मेहता को मिलेगा। वहीं वर्तमान सरकार बीजेपी की है। इसलिए लोगों की सोच रहती है कि सरकार के साथ चलकर विकास करवाया जाए। इसके अलावा जेजेपी का बीजेपी से गठबंधन है। इसलिए जेजेपी के वोट भी बीजेपी प्रत्याशी को मिलने की उम्मीद है। वहीं बीजेपी के तमाम स्थानीय नेता अंजनी मेहता को जिताने के लिए प्रचार में उतर गए हैं। चुनाव प्रचार कार्यालय भी खोल दिया है।
विधायक गोपाल कांडा और अकाली नेता वीरभान निशा के पक्ष में बना रहे रणनीति
सिरसा से विधायक गोपाल कांडा और पंजाबी वर्ग के वरिष्ठ अकाली नेता वीरभान मेहता के समर्थन से चुनाव लड़ रही पूर्व पार्षद नीरू बजाज की पत्नी निशा बजाज भी अन्य महिला प्रत्याशियों की तरह ही मजबूत नजर आ रही है। मौजूदा विधायक और उनकी हलोपा पार्टी ने उनको पूरी तरह समर्थन किया हुआ है। विधायक गोपाल कांडा के भाई गोबिंद कांडा ने निशा बजाज को जिताने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। चुनावी कार्यालय का शुभारंभ करके प्रचार प्रसार भी शुरू कर दिया है। नगर परिषद में विधायक का अहम रोल होता है। इसलिए वार्ड के विकास के लिए विधायक के समर्थन से विकास कार्य करवाने के लिए निशा बजाज लोगों से वोटों की अपील कर रही है।
एडवोकेट राखी मौर्य को सियासी रूप से मिल रहा कांग्रेसियों का साथ
वार्ड में तीन पंजाबी समाज के प्रत्याशियों के बीच में चुनावी जंग लड़ रही दलित समाज की राखी मौर्य जहां पेशे से वकील है। वहीं उच्च शिक्षित भी है। राखी का मानना है कि वार्ड के लोग अनेक संकटों से जूझते हैं। कानूनी पक्ष से लेकर प्रशासनिक सेवाओं से भी वंचित रहते हैं। वे उनकी आवाज बनेगी। राखी मौर्य को भी सियासी रूप से कांग्रेस पार्टी का साथ मिला है। कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में वे चुनावी मैदान में है। राखी की मजबूती इसलिए बढ़ जाती है कि पहली बार पूरी कांग्रेस एकजुट होकर उनके लिए चुनाव प्रचार कर रही है। किसी नेता ने उनकी बगावत नहीं की है। सभी की सर्वसम्मति से यह प्रत्याशी के रूप में मैदान में आई है। वहीं कांग्रेस ने भी अपना सियासी पासा फैंक करके दलित कार्ड खेला है।
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