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कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से घोषित रेल ट्रैक रोको आंदोलन के तहत गुरुवार को जिले में तीन जगह रेल ट्रैक पर धरने प्रदर्शन किए गए। टोहाना, जाखल व भट्टूकलां में करीब 4 घंटे तक चले आंदोलन के दौरान कोई सवारी गाड़ी न होने की वजह से कोई दिक्कत नहीं आई, हालांकि माल-गाड़ियों को रोका गया। टोहाना में महिलाओं ने ट्रैक पर बैठकर सुखमणि पाठ किया।
सुरक्षा के मद्देनजर जगह-जगह पुलिस तैनात रही। 4 डीएसपी, 10 एसएचओ के अलावा 500 पुलिसकर्मी व रेलवे पुलिस के अधिकारी नजर बनाए रहे। जाखल में जहां दो माल-गाड़ियों को रोका गया वहीं टोहाना के पास भी एक मालगाड़ी को आंदोलन शुरू होने के चलते बाहरी एरिया में रोका गया।
जाखल रेलवे स्टेशन अधीक्षक सुनील दत्त ने कहा कि शकूरबस्ती से कोयले से भरी मालगाडिय़ों को बठिंडा रवाना किया जाना था। लेकिन धरना के समय 12 बजे से लेकर 4 बजे तक ट्रैक पर किसान बैठे होने के कारण गाडिय़ों को बंद रखा गया।
किसानों ने की सरकार विरोधी नारेबाजी
संयुक्त किसान मोर्चा की कॉल पर किसानों के साथ विभिन्न राजनैतिक संगठनों ने रेलवे ट्रैक पर चार घंटे धरना दिया। उन्होंने सरकार विरोधी नारेबाजी की तथा अपनी मांग को दोहराते हुए मांग की कि केंद्र सरकार तुरंत तीनों कृषि कानूनों को वापस ले क्योंकि बिना कानून वापस हुए वे आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे।
वहीं 12.05 बजे आई एक माल गाड़ी को रेलवे ने सिग्नल के बाहर ही रोक दिया। जिसे किसानों द्वारा ट्रैक खाली करने के बाद ही रवाना किया गया। रेलवे ट्रैक पर बैठी महिलाओं ने सुखमणी साहिब का पाठ कर देश में चल रहे गतिरोध को दूर करने के लिए प्रार्थना की।
चूंकि किसान ठीक 12 बजे टोहाना में रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए थे, इसके चलते 12 बजकर 5 मिनट पर आई मालगाड़ी को रेलवे सिग्नल के बाहर की रोक दिया गया। रेलवे स्टेशन अधीक्षक एमएल मीणा ने बताया कि चूंकि रेलवे ट्रैक पर किसान बैठे हुए थे इसलिए मालगाड़ी को डाउन नहीं दिया गया। यह मालगाड़ी बिहार जिला के लेखापानी रेलवे स्टेशन से पंजाब के मानसा के थर्मल प्लांट में कोयला लेकर जा रही थी। रेलवे ट्रैक अवरूद्ध होने के कारण चार घंटे तक यह गाड़ी सिग्नल के बाहर ही खड़ी रही।
भट्टूकलां में सुबह बठिंडा से चलकर दिल्ली को जाने वाली किसान एक्सप्रेस व श्री गंगानगर से रेवाड़ी जाने वाली स्पेशल पैसेंजर ट्रेन निर्धारित अपने समय पर गई। किसानों ने करीब 12 बजे रेलवे ट्रैक पर धरना देकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
जिसके बाद यहां किसी भी ट्रेन का आवागमन नहीं हुआ। किसान गुरूवार सुबह करीब 11 बजे भट्टूकलां के रेलवे स्टेशन के समीप बंद फाटक के पास इक्कठे होकर धरने को सुचारू रूप से चलाने लगे। दोपहर 12 बजे किसानों ने रेलवे ट्रैक पर दरियां बिछा कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
किसानों ने मालगाड़ी के इंजन पर चढ़कर की नारेबाजी
यहां पर किसानों ने कृषि कानूनों का विरोध करते हुए 4 घंटे तक बठिंडा जाने वाली कोयले से भरी दाे मालगाड़ियाें को रोके रखा। किसान मालगाड़ी के इंजन पर चढ़ गए व उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रोष जताया। जाखल रेलवे स्टेशन की लाइन नंबर 5 पर धरना दे दिया।
किसानों ने यहां पर खड़ी कोयला मालगाड़ी के इंजन पर चढ़कर बैनर लगा दिए व झंडे लहराकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सुबह श्री गंगानगर से दिल्ली जाने वाली दैनिक इंटरसिटी एक्सप्रेस 10 बजे एवं दिल्ली की ओर जाने वाली जम्मूतवी एक्सप्रेस साढ़े 9 बजे ही अपने निर्धारित समय से जाखल रेलवे स्टेशन से गुजर गई लेकिन इसके बाद शाम को 4 बजे आने वाली दैनिक इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन अपने निर्धारित समय से 4 घंटे लेट होकर 8 बजे पहुंची।
किसानों ने शांतिपूर्ण व सौहार्द बनाए रखा
किसानों ने 12 से 4 तक रेलवे ट्रैक पर धरना दिया है। किसानों ने अपना धरना शांतिपूर्वक व सौहार्दपूर्ण माहौल में दिया है। किसी भी तरह की कोई भी विवाद की स्थिति नहीं है। इसके बावजूद पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता प्रबंध किए हुए हैं। किसानों के इस धरना प्रदर्शन को लेकर फतेहाबाद से डीएसपी अजायब सिंह, राजकीय रेलवे पुलिस चौकी प्रभारी सुरेंद्र सैनी ने भी पुलिस फोर्स के साथ स्थिति पर नजर रखी है।'' -विक्रम सिंह, पुलिस थाना प्रभारी जाखल।
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