हरियाणा के जींद में विजिलेंस ने फर्जी तौर पर लिए गए बेरोजगारी भत्ते के केस का मामला रफा-दफा करने की एवज में 23 हजार रिश्वत लेते रोजगार कार्यालय के क्लर्क को गिरफ्तार किया है। उससे 500-500 के 46 नोट बरामद हुए हैं। विजिलेंस ने इन नोटों पर पावडर लगाकर शिकायतकर्ता को क्लर्क रोशन को देने के लिए दिए थे। विजिलेंस केस दर्ज कर क्लर्क से पूछताछ कर रही है।
ये था मामला
जींद के गांव नगूरां निवासी मनदीप ने विजिलेंस को दी शिकायत में बताया कि वह रोजगार कार्यालय से बेरोजगारी भत्ता लेता था। इसी बीच उसने बीएड भी कर ली, लेकिन बेरोजगारी भत्ता लेना चालू रखा। असल में शिक्षा जारी रखने की सूरत में भत्ता नहीं लिया जा सकता। जब रोजगार कार्यालय ने जांच की तो उसकी सच्चाई उनके सामने आ गई। तब तक वह बेरोजगारी भत्ते की एवज में ली गई 48 हजार रुपए ले चुका था। विभाग ने उससे यह राशि वापस मांगी।
पुलिस केस की धमकी दी
उसने बीएड तो कर ली थी, लेकिन वह बेरोजगार था। उसके पास इतने रुपए नहीं थे कि वह 48 हजार रुपए विभाग को लौटा सके। उसने रोजगार कार्यालय के क्लर्क रोशन से संपर्क किया। आरोप है कि रोशन ने उससे इस मामले को रफा दफा करने के लिए 23 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। न देने पर उसके खिलाफ पुलिस में केस दर्ज कराने की धमकी भी दी। मनदीप ने क्लर्क से सौदा पक्का कर लिया।
पूनिया अस्पताल के पास से पकड़ा
साथ ही मनदीप ने पूरे मामले की जानकारी विजिलेंस जींद को दे दी। विजिलेंस ने क्लर्क को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। मनदीप को 23 हजार रुपए देने को कहा गया। मनदीप ने क्लर्क से बात की तो उसने पैसों के साथ उसे जींद में पूनिया अस्पताल के पास बुला लिया।
500 के 46 नोट दिए
आबकारी एवं कराधान विभाग के ईटीओ नरेश अहलावत को डयूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया। जबकि स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के निरीक्षक मनीष कुमार को टीम की कमान सौंपी गई। जिसमें एसआई अनिल कुमार, एएसआई बलजीत, कमलजीत, हवलदार सुनील, सिपाही संजय को शामिल किया गया। टीम ने शिकायतकर्ता मनदीप को 46 नोट 500-500 रुपए के डयूटी मजिस्ट्रेट से हस्ताक्षर तथा पाउडर लगा कर दे दिए।
विजिलेंस की टीम भी मनदीप के साथ ही वहां पहुंच गई। जैसे ही रोजगार विभाग के क्लर्क रोशन ने उससे 23 हजार रुपए लिए, विजिलेंस ने छापा मार कर उसे पकड़ लिया। पुलिस ने रोशन के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर पूछताछ शुरू कर दी है।
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