जिले के जिन 31 गांवों में पिछले साल यानि वित्तीय वर्ष 2021-22 में शराब ठेके बंद थे, इस बार भी इन गांवों में शराबबंदी रहेगी। जिले की 300 में से किसी भी ग्राम पंचायत ने विभाग के पास प्रस्ताव भेजकर शराब ठेका खोलने संबंधी अपना प्रस्ताव नहीं दिया है, इसलिए पिछले सत्र में आए शराबबंदी के प्रस्तावों को आधार मानते हुए ही आबकारी एवं कराधान विभाग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में इन गांवों में शराब के ठेके बंद रखने का फैसला लिया है। हालांकि रामकली गांव का एकमात्र प्रस्ताव आया, वह भी शराबबंदी को लेकर, चूंकि रामकली में पहले से ही शराबबंदी है तो आने वाल सत्र में भी यह जारी रहेगी।
पहले पंचायती राज एक्ट-1994 की धारा 31 के अनुसार शराबबंदी के लिए ग्राम पंचायत को आम सभा बुलाकर इसमें सहमति से एक प्रस्ताव पारित करना होता था और यह हर वित्तीय वर्ष में 31 अक्टूबर महीने से पहले आबकारी एवं कराधान विभाग में जमा करवाना होता था।
साल 2019 में प्रदेश में दोबारा से सत्ता में आने के बाद भाजपा-जेजेपी सरकार में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने एक्ट में संशोधन किया और निर्णय लिया गया कि जो पंचायत अपने गांव में शराब ठेका नहीं खुलवाना चाहती तो वह गांव के 10 फीसद मतदाताओं की सहमति के साथ 31 दिसंबर से पहले ग्राम सभा की बैठक कर प्रस्ताव पारित कर 15 जनवरी तक इसे विभाग के कार्यालय में जमा करवा सकती है।
ग्राम सभा की बैठक के दौरान पंचायत सेक्रेटरी और ग्राम सचिव मौके पर मौजूद होने चाहिए। अगले महीने ही शराब ठेकों का वर्तमान सैशन खत्म होगा। जिन गांवों में कोरोना काल से पहले शराबबंदी हुई थी, उन्हीं गांवों में लगातार शराबबंदी अभी तक चल रही है।
इन 31 गांवों में इस बार भी रहेगी शराबबंदी
वित्तीय वर्ष 2020-21 में 100 ग्राम पंचायतों ने प्रस्ताव पास कर भेजे थे लेकिन उनमें से 69 ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव रिजेक्ट हो गए थे और 31 ग्राम पंचायतें ही गांव में शराब ठेका बंद करवाने में सफल रही थी। इनमें जुलाना ब्लॉक के अकालगढ़, अशरफगढ़, चाबरी, निडाना, बहबलपुर, निडाना, शादीपुर, उचाना ब्लॉक के घोघडिय़ां, तारखां, भौंसला, गुरुकुल खेड़ा, बुडायन, घासो कलां, करसिंधु, अलेवा ब्लॉक के खेड़ी बुल्लां, हसनपुर, जीवनपुर, संडील, मांडी कलां, नरवाना ब्लॉक के भीखेवाला, सच्चा खेड़ा, अंबरसर, लोहचब, जींद ब्लॉक के ईक्कस, लोहचब, खेड़ी तलोढ़ा, अमरेहड़ी, खोखरी, रायचंदवाला, सफीदों ब्लॉक के बनियाखेड़ा, होशियारपुरा गांव शामिल हैं। इन गांवों में इस बार भी यानि 2022-23 के वित्तीय वर्ष में भी शराबबंदी लागू रहेगी।
यह भी जानिए : गांव में शराबबंदी के लिए यह शर्तें
आबकारी विभाग के नियमों के अनुसार जिस भी गांव में पिछले 2 साल में एक बार भी अवैध शराब की बिक्री का मामला पकड़ा गया तो शराब ठेका बंद करने की अनुमति नहीं मिलेगी। अगर गांव में गुरुकुल होगा, तो उस गांव में शराब का ठेका नहीं खुलेगा। इसके अलावा स्कूल और मंदिर से लगभग 75 मीटर क्षेत्र में शराब ठेका नहीं खोले जान का नियम है।
जिन गांवों में शराबबंदी है, उन गांवों में शराब ठेकों को खोलने संबंधी किसी तरह के दिशा-निर्देश मुख्यालय से नहीं आए हैं तो वहीं ग्राम पंचायतों की तरफ से भी कोई प्रस्ताव नहीं आया है, इसलिए जिन ग्राम पंचायतों ने पहले प्रस्ताव भेजकर शराबबंदी करवाई थी, उन गांवों में इस सत्र में भी जारी रहेगी। कंवल सिंह, कार्यकारी डीईटीसी, जींद।
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