हरियाणा के करनाल जिले में उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर किसानों ने जाम लगा दिया। ऐसा होने से यूपी के साथ संपर्क खत्म हो गया। जाम लगने के कारण दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइनें लग गई। किसानों का कहना है कि वे रहने वाले करनाल के हैं और उनकी जमीन यूपी में है। ऐसे में वे अपनी धान को करनाल में नहीं तो कहां पर बेचें। उन्होंने यूपी-हरियाणा सरकार से धान बेचने का समाधान निकालने की मांग की।
किसानों ने पोर्टल पर पंजीकरण किया हुआ है। इसके बाद भी उन्हें धान बेचने से रोका जा रहा है। गांव नगला चौक निवासी किसान गुरसेवक सिंह ने बताया कि वे रहने वाले करनाल के हैं और उनका खेत यूपी एरिया में है। वे रिक्वेस्ट करते हैं कि या तो हमें अपने राज्य में धान बेचने दिया जाए या फिर पीएम नरेंद्र मोदी अपना बयान वापस ले लें। पिछले 25 सालों से करनाल में धान बेचते हैं।
पोर्टल पर धान का पंजीकरण भी करवाया हुआ है। लेकिन वे हाईवे पर दो दिनों से खड़े हैं। फसल ट्रॉली में खराब हो गई। हरियाणा व यूपी सरकार समाधान निकाले। नहीं तो वे यहीं सड़क पर जाम लगाकर खड़े रहेंगे। किसान का कहना है कि यूपी व करनाल के प्रशासनिक अधिकारी किसानों को परेशान कर रहे हैं। रोजाना उन्हें किसी न किसी प्रकार से परेशान किया जाता है।
किसान लखविंद्र सिंह ने बताया कि तीन-चार बार जाम लगा लिया। थोड़ा समाधान करते हैं और फिर से वहीं चाल पकड़ ली जाती है। रोककर पोर्टल चेक करते हैं। पोर्टल पर पंजीकरण दिखाने के बाद भी समाधान नहीं होता। इस सरकार से पहले कभी दिक्कत नहीं होती थी। कोई रोक-टोक नहीं थी। लेकिन इस बार परेशानी हो रही और जब तक समाधान नहीं होगा, वे यहां से उठने वाले नहीं हैं।
किसानों ने कहा कि सरकार की साजिश है। किसान को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। अब न तो मंडी की दिक्क्त है, न ही पोर्टल की दिक्कत है। सिर्फ किसानों को परेशान करना ही उद्देश्य है। रात से किसान सड़क पर हैं। ऊपर से बारिश हो रही, नीचे से धान खराब हो रहा। पुल के बीच में जाम लगाकर बैठे हैं। जब तक किसानों का धान नहीं खरीदा जाएगा, तब तक जाम लगाकर रखा जाएगा।
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