हरियाणा के करनाल जिले में हुए बसताड़ा टोल लाठीचार्ज मामले की जांच कर रहे जस्टिस (रि.) एसएन अग्रवाल आयोग की कोर्ट करनाल के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में बुधवार को लगेगी। इस दौरान लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों को बयान दर्ज कराने और मेडिकल करने वाले 4 डॉक्टरों को गवाही के लिए बुलाया गया है। वहीं जस्टिस (रि.) एसएन अग्रवाल ने तय किया कि तत्कालीन SDM आयुष सिन्हा, SP, DC समेत अन्य अधिकारियों के बयान चंडीगढ़ में लिए जाएंगे।
मुख्यालय पंचकूला तो करनाल में कोर्ट
हरियाणा सरकार ने 25 सितंबर को आयोग को जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए एक माह का समय दिया था, लेकिन सरकार ने आयोग की सेवा-शर्त 11 अक्टूबर को तय की। इसलिए जांच 12 अक्टूबर से शुरू हो पाई। सरकार 24 अक्टूबर तक एक माह मान रही है। सरकार ने एचसीएस विवेक कालिया को आयोग सचिव लगाया है। आयोग का मुख्यालय पंचकूला तो कोर्ट करनाल में बनाई गई है।
एसडीएम ने दिए थे सिर फोड़ने के आदेश
IAS आयुष सिन्हा का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह कह रहे हैं कि बैरिकेड के आगे कोई किसान जाए तो उसका सिर फोड़ देना। कोई यहां से निकलने की कोशिश करे तो लठ उठा के मारना बस। वह स्पष्ट ऑर्डर दे रहे हैं, उसका सिर फोड़ देना। कोई डाउट नहीं है, किसी डायरेक्शन की जरूरत नहीं है। ये नाका किसी हालत में तोड़ने नहीं देंगे। पीछे और फोर्स लगी है। यहां आपको लगा रखा है शुरू में। हेलमेट पहन लो। यहां से एक बंदा भी नहीं जाना चाहिए और अगर गया तो सिर फूटा होना चाहिए उसका।
क्या था पूरा मामला
28 अगस्त को करनाल में सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में भाजपा की समीक्षा बैठक थी। इस दौरान बसताडा टोल पर बैठे किसानों ने प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड को काले झंडे दिखाकर विरोध किया। कुछ समय बाद किसान भाजपा की बैठक का विरोध जताने के लिए शहर के तरफ बढ़ने लगे। इस दौरान पुलिस के साथ तकरार हो गई। पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया। अगले दिन 29 अगस्त को एक किसान रायपुर जाटान निवासी सुशील काजल की मौत हो गई। किसानों ने सुशील की मौत का कारण लाठीचार्ज की चोटों को बताया।
इसके विरोध में घरौंडा की अनाज मंडी में महापंचायत का आयोजन करके निर्णय लिया गया कि 7 सितंबर से सचिवालय का घेराव करेंगे। 7 सितंबर को घेराव किया भी किया और किसान लघु सचिवालय के सामने धरने पर बैठे। 11 सितंबर को एसीएस के नेतृत्व में किसानों की बातचीत पर समझौता हुआ कि मृतक के परिवार से दो सदस्यों को नौकरी दी जाएगी। मामले की जांच रिटायर्ड जज से होगी। 22 सितंबर को सुशील काजल के बेटे और पुत्रवधू को नौकरी दी जा चुकी है। 25 सितंबर को रिटायर्ड जज सोमनाथ अग्रवाल की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया गया।
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