हरियाणा की सभी मंडियों में आज से परमल धान की सरकारी खरीद शुरू हो गई है। करनाल की नई अनाज मंडी में धान की खरीद के लिए प्रशासन ने सभी तैयारियां मुकम्मल कर ली हैं। अधिकारियों का दावा है कि किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। किसानों की हर मूलभूत सुविधा का ध्यान रखा गया है। बिजली, पानी, शौचालय व कैंटीन की व्यवस्था की गई है।
सुरक्षा की दृष्टि से फर्जी गेट पास काटने वालों पर नकेल कसने के लिए CCTV कैमरे लगाए गए है। किसानों की मानें तो पहले हर वर्ष 25 सितंबर से धान की सरकारी खरीद शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार 5 दिन लेट धान खरीद होने से किसानों को काफी परेशानी हुई। अगर सरकार 25 सितंबर से खरीद शुरू करती तो किसानों की खेतों में पड़ी फसल जल्दी से मंडी में पहुंच जाती।
इस बार किसानों पर पड़ी दोहरी मार
वहीं इस बार किसानों पर दोहरी मार पड़ी है। पहले आढ़तियों ने मंडियों में हड़ताल कर दी और फिर मौसम की मार पड़ गई। जिस वजह से धान मंडियों में आ ही नहीं पाई और जो धान मंडियों में पड़ी थी, वह बारिश में खराब हो गई। किसानों को दोहरा नुकसान हुआ।
फसल शीत ब्लास्ट जैसी बीमारियों की चपेट में
मंडी में धान लेकर आए किसान बलजीत ने बताया कि खेतों में शीत ब्लास्ट जैसी बीमारियां फैली है। खेतों में जाकर देखा जाए तो फसलें तेला बीमारी से अटी पड़ी है। छोटेपन की भी समस्या आई है, जिसकी वजह से जमींदार का बहुत ज्यादा नुकसान हुआ। किसी तरह से फसल को काटकर मंडी तक लाया जाता है तो यहां के नियम और पैमाने किसानों को और ज्यादा परेशान कर देते हैं। नमी की वजह से किसान की धान कम दाम पर बिकती है। कहने की बात यह है कि हर तरह से किसान मारा जाता है।
मार्केट कमेटी सचिव चंद्रप्रकाश ने कहा कि करनाल अनाज मंडी में बीते तीन माह से धान की आवक चल रही है। पहले 1509 किस्म धान की आवक हो रही थी। अब सरकारी धान की खरीद से शुरू हो गई है। तीन एजेंसियां धान की खरीद करेंगी, जिसमें DFSC, हैफेड और HWC एजेंसी शामिल हैं। सरकार ने ग्रेड ए की धान के लिए 2060 रुपए का रेट रखा है और नॉर्मल के लिए 2040 रुपए रखा है। मार्केट कमेटी द्वारा मंडी में बिजली, पानी, शौचालय व किसानों के ठहरने की व्यवस्था कर दी गई है। किसानों से अपील है कि वे अपनी धान को सूखा कर लाएं और साफ करके लाएं, ताकि उन्हें किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।
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