करनाल में शुगर मिल धरने पर पहुंच चढ़ूनी:बोले- 2024 में किसान सरकार लाने की दिशा में काम करेंगे, 23 को कुरुक्षेत्र में मीटिंग

करनाल4 महीने पहले
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शुगर मिल पर ताला लगाकर नारेबाजी करते किसान। - Dainik Bhaskar
शुगर मिल पर ताला लगाकर नारेबाजी करते किसान।

हरियाणा के करनाल में शुगर मिल के बाहर चल रहे किसानों के धरने पर गुरनाम सिंह चढ़ूनी पहुंचे। संबोधित करते हुए चढ़ूनी ने कहा कि पहली बार हरियाणा के अंदर 14 शुगर मिलों को किसानों ने बंद कर दिया है। आने वाली 23 जनवरी को किसानों की बैठक होगी। जिसमें बड़ा फैसला लिया जाएगा।

किसानों की बीच धरने पर बैठे गुरनाम सिंह चढूनी।
किसानों की बीच धरने पर बैठे गुरनाम सिंह चढूनी।

चढ़ूनी ने कहा कि हरियाणा की प्रत्येक मिल के सामने भारी संख्या में किसान बैठे हुए हैं और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का इरादा बहुत मजबूत है। सरकार हठधर्मिता अपना रही है। कई बार किसानों ने मंत्रियों को ज्ञापन दिए, लेकिन गन्ने का रेट नहीं बढ़ाया गया। जिस कारण आज किसानों को शुगर मिल बंद करनी पड़ी है।

गुरनाम सिंह चढूनी को सुनते किसान।
गुरनाम सिंह चढूनी को सुनते किसान।

सभी शुगर मिलों के प्रतिनिधियों को बुलाया
चढ़ूनी ने कहा कि 23 जनवरी को कुरुक्षेत्र की धर्मशाला में सभी शुगर मिलों के प्रतिनिधि बुलाए गए हैं। इस मीटिंग में कोई कड़ा फैसला लिया जाएगा। सरकार के साथ बातचीत से कभी इनकार नहीं किया गया है। किसानों को सिर्फ अपनी गन्ने की फसल का भाव लेने से मतलब है। जब भी सरकार उनसे बात करना चाहे वह कर सकती है। किसान हर वक्त सरकार से बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार उन्हें बात के लिए बुलाए तो सही।

शुगर मिल के बाहर धरने पर बैठे किसान।
शुगर मिल के बाहर धरने पर बैठे किसान।

जब भी लड़ाई होती है नुकसान तो होता है गन्ने की फसल पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चढ़ूनी ने कहा कि जब भी लड़ाई होती है तो उसमें नुकसान होना लाजमी है। ऐसे में किसानों के गन्ने की फसल पर प्रभाव पड़ सकता है। इस लड़ाई के बारे में पहले ही किसानों को बता दिया गया था कि मिल बंद होने से उन्हें नुकसान होगा। उनके फैसले के बाद ही यह कदम उठाया गया।

किसानों ने कहा कि अगर कोई रेट नहीं मिला तो वह गन्ने में आग लगा देंगे। उन्होंने सरकार को चेताया कि अभी तो किसान अपना नुकसान कर रहा है ऐसा न हो कि किसान सरकार का नुकसान करने पर उतर आए और किसानों को सड़कें रोकनी पड़े या फिर किसी अन्य तरह का उग्र प्रदर्शन करना पड़े।

सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते धरने पर बैठे किसान।
सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते धरने पर बैठे किसान।

अब की बार किसान सरकार
चढ़ूनी ने एक सवाल के जवाब में अब की बार किसान सरकार का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि जब किसानों की संख्या ज्यादा है तो किसान सरकार क्यों नहीं आती। 2024 में किसान सरकार लाने की दिशा में कार्य किया जाएगा। अबकी बार सत्ता किसानों के पास होगी। जब उनसे पूछा गया कि चढ़ूनी को मुख्यमंत्री का चेहरा बना दिया जाए तो क्या किसानों की सरकार आ जाएगी, तो चढ़ूनी ने कहा कि मैं किसान राज की बात कर रहा हूं।