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शहर, सेक्टरों व गांव की गली-मोहल्लों में आतंक मचाकर नागरिकों को परेशान करने वाले बंदरों को पकड़ने के लिए नगर निगम सोमवार से अपना अभियान शुरू करने जा रहा है। निगम आयुक्त विक्रम ने बताया कि बंदरों को पकड़ने के लिए दोबारा से टेंडर कर दिया गया है। इस काम के लिए ऑनलाइन टेंडर किया गया था, लेकिन बंदर पकड़ने वाले उसमें तकनीकी ज्ञान न होने के कारण अप्लाई नहीं कर सके।
इस स्थिति में नगर निगम ने निजी तौर पर टीम के साथ संपर्क किया और उनसे टेंडर भरवाया। अब सोमवार से ही बंदरों को पकड़ने का काम शुरू होने जा रहा है। टेंडर अनुसार एक बंदर को पकड़ने के लिए 850 रुपए का भुगतान करना तय हुआ है। करीब 600-700 बंदरों को पकड़ा जाएगा।
शहर के जिस एरिया से बंदर पकड़ेंगे, वहां के पार्षद और कुछ नागरिकों से लिखवाकर लेंगे, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। कमिश्नर ने नागरिकों से कहा है कि बंदरों से परेशान होने की जरूरत नहीं है, जल्द ही इनको पकड़ने जा रहे हैं। जिस एरिया में बंदर ज्यादा है, वहां के नागरिक चाहें, तो नगर निगम को लिखकर दे दें, उसी अनुसार एरिया में पिंजरे रख दिए जाएंगे।
शहर में इस जगह हैं बंदर
शहर के वार्ड-1 गांव बलड़ी, ओल्ड सिटी एरिया, प्रेमनगर, रामनगर, सेक्टर-6 व 7 और सेक्टर-16, चमन गार्डन एरिया, गांव झंझाडी, कैथल रोड न्यू प्रेम कॉलोनी।
कलेसर के जंगलों में छोड़ेंगे
नगर निगम कमिश्नर विक्रम ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मथुरा से बंदर पकड़ने वाले एक्सपर्ट की टीम के नाम टेंडर फाइनल हुआ है। बंदरों को पकड़ने के बाद उन्हें तीन दिन तक काछवा रोड स्थित स्लाटर हाउस में रखने के बाद कलेसर के जंगलों में प्राकृतिक वातावरण में छोड़ा जाएगा।
करनाल में वन्य जीव संरक्षण विभाग का निरीक्षक यहां से रिपोर्ट करेगा और ऐसे ही एक निरीक्षक कलेसर में बंदरों को छोड़े जाने की रिपोर्ट देगा।
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