बड़ा गांव में रिजर्व फॉरेस्ट से बिना परमिशन के पेड़ काटने के चर्चित मामले में रेंज आॅफिसर को भी सस्पेंड कर दिया गया। प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर आॅफ फॉरेस्ट वीरभान सिंह तंवर ने करनाल वन मंडल के रेंज ऑफिसर सुभाष चंद के निलंबन के आदेश जारी कर दिए। यह कार्रवाई रोहतक परिमंडल के चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट एमएल राजवंशी द्वारा वन विभाग के पंचकूला मुख्यालय में भेजी गई जांच रिपोर्ट के बाद की गई है। इससे पूर्व वन दरोगा दलबीर सिंह एवं फॉरेस्ट गार्ड मुकेश कुमार को निलंबित किया जा चुका है। इस प्रकरण में निलंबन की यह तीसरी कार्रवाई की गई है। जांच रिपोर्ट में रेंज अफसर को भी इस मामले में दोषी पाया गया। बता दें कि एक सप्ताह पूर्व 3 जिलों से वन अधिकारियों की टीम मामले की जांच करने के लिए मौके पर पहुंची थी। तब से ही यह मामला सुर्खियों में चल रहा था। रेंज ऑफिसर के निलंबन की पुष्टि करते हुए प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट वीरभान सिंह तंवर ने बताया कि मामले की जांच के लिए कई टीमें गठित की गई थी। इन जांच टीमों में झज्जर वन मंडल के डीएफओ विपिन कुमार सिंह, पानीपत मंडल के एडीएफओ मोहन वर्मा एवं झज्जर मंडल के डिप्टी रेंजर श्रीभगवान आदि वन अधिकारी शामिल थे। पूरी जांच प्रक्रिया की सुपरविजन रोहतक परिमंडल के सीसीएफ एमएल राजवंशी कर रहे थे। इसी दौरान फॉरेस्ट गार्ड एवं वन दरोगा को निलंबित कर दिया गया था। जांच टीमों ने तथ्य जुटाने के बाद रिपोर्ट रोहतक परिमंडल के चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट एमएल राजवंशी को सौंपी थी। जिस पर राजवंशी ने करनाल वन मंडल के रेंज ऑफिसर सुभाष चंद को नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब तलब किया था, लेकिन रेंज ऑफिसर का जवाब तय अवधि में कार्यालय नहीं पहुंचा। इसके बाद एमएल राजवंशी द्वारा जांच रिपोर्ट सहित नोटिस का जवाब नहीं दिए जाने से संबंधित अपनी रिपोर्ट वन विभाग के पंचकूला मुख्यालय को भेज दी। इसी रिपोर्ट के आधार पर रेंज ऑफिसर सुभाष चंद को निलंबित कर दिया गया। जांच का किया जा रहा है अध्ययन, जिसकी लापरवाही मिली उसके खिलाफ भी होगी कार्रवाई : वीरभान सिंह पीसीसीएफ वीरभान सिंह तंवर ने कहा कि पूरी जांच रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है। अन्य किसी अधिकारी एवं कर्मचारी की मामले में कोई लापरवाही एवं गैर कानूनी तरीके से संलिप्तता पाई गई तो उसके खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पौधारोपण एवं हरे भरे पेड़ों की सुरक्षा करना वन विभाग की जिम्मेदारी है। इस कार्य में लापरवाही एवं गैर कानूनी गतिविधि बिल्कुल पनपने नहीं दी जाएगी। बता दें कि क्षेत्र के बड़ा गांव में 209 एकड़ भूमि में वन विभाग का रिजर्व फॉरेस्ट है। जिसमें हजारों की संख्या में जंगली जीव जंतु एवं पशु पक्षियों का रहन बसेरा है। जहां बिना परमिशन के पेड़ काटे जा रहे थे।
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