हरियाणा में असली पुलिस, नकली सोने का खेल रही थी और पूरा गैंग चलाकर अमीर लोगों को ठग का शिकार बना रहे थे। करनाल के कपड़ा व्यापारी से हुई 85 लाख की धोखाधड़ी में 4 आरोपी पकड़े गए हैं। आरोपियों ने पूछताछ में 9 लोगों के गैंग का सदस्य होने और दो असली पुलिसवालों के गैंग का सरगना होने की बात कबूली।
यह पुलिसकर्मी कौन हैं, फिलहाल पुलिस ने यह खुलासा नहीं किया है। लेकिन दोनों करनाल पुलिस का हिस्सा नहीं हैं। दोनों की गिरफ्तारी अभी पेंडिंग है। 4 में से कल पकड़े गए आरोपी रणधीर उर्फ धीरा पुत्र जयसिंह निवासी माजरा जिला यमुनानगर को आज कोर्ट में पेशकर न्यायिक हिरासत में भेजा गया। सीआईए-1 की पूछताछ में सामने आया कि इस गैंग के खिलाफ अंबाला, करनाल व अन्य जिलों में कई मामले दर्ज हैं। अभी तक 9 लोगों की पहचान हुई है। 5 की गिरफ्तारी करने के लिए छापामारी चल रही है।
कपड़ा व्यापारी ने शिकायत दी तो जांच में हुआ खुलासा
शिकायतकर्ता सेक्टर-6 निवासी गुरविन्द्र सिंह खुराना ने बताया कि उसकी पटेल मार्केट करनाल में कपड़े बेचने की होलसेल की दुकान है। एक दिन उसकी दुकान पर एक व्यक्ति आया और कपड़े के होलसेल रेट के बारे में बात करने लगा। उस व्यक्ति ने दुकान से कपड़े तो नहीं खरीदे, पर लगातार दुकान पर आने लगा और दुकानदार के साथ अपनी जान पहचान बना ली।
उसने अपना नाम दर्शन सिंह पुत्र महेन्द्र सिंह गांव मण्डोखरा जिला कुरुक्षेत्र का सरपंच बताया। वहीं व्यक्ति कुछ दिन पहले दुकान पर आया और कहने लगा कि उसके एक रिश्तेदार के पास घरेलू सोना है। उसे इमरजेंसी में रुपए की जरूरत है, क्योंकि वह अपने लड़के को अमेरिका भेजना चाहता है। वह सोना सस्ते दाम पर दिलवा देगा। उसकी बातों में आकर गुरविन्द्र खुराना सोना खरीदने के लिये तैयार हो गया।
व्हाट्सऐप कॉल से पैसे लेकर बुलाया
दर्शन ने गुरविन्द्र का मोबाइल नम्बर एक अन्य व्यक्ति को दे दिया, जिसने व्हाट्सऐप कॉल करके गुरविन्द्र को रुपए लेकर अंबाला साहा रोड पर बुलाया। साहा से पंचकूला जाने वाले रोड पर पुल के नीचे एक व्यक्ति ने सोने का बैग गुरविन्द्र को दे दिया और गुरविन्द्र ने 85 लाख रुपए से भरा बैग उस व्यक्ति को दे दिया।
जैसे ही सोने का बैग खोलकर चैक करने लगा तो उसी समय वहां पर एक गाड़ी में सवार होकर पांच व्यक्ति पुलिस की वर्दी में आए और दोनों से सोने व पैसों का बैग छीन लिया। जिसके बाद सभी आरोपी दोनों बैग लेकर उसी गाड़ी में सवार होकर इस बात को किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए।
गुरविन्द्र ने मामले की शिकायत पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की और दर्शन सिंह व उसके अन्य साथियों के खिलाफ धोखाधड़ी करने, रुपए छीनने व किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देने पर थाना शहर करनाल में धारा 379ए, 420, 506 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर लिया।
4 आरोपियों को किया गिरफ्तार
मामले की तफ्तीश सीआई-1 करनाल की टीम को सौंपी गई। सब इंस्पेक्टर रमेश चन्द की अध्यक्षता में टीम ने 15 नवंबर को चतर सिंह उर्फ सोनू पुत्र सुलेख वासी गन्दापुर जिला यमुनानगर पकड़ा, जो मुख्य आरोपी निकला।
24 नवंबर को आरोपी मस्तान शाह वासी ऊंचा सदान जिला यमुनानगर, 26 नवंबर को आरोपी हरबीर उर्फ छोटू वासी जयसिंह का माजरा जिला यमुनानगर व 27 नवबंर को आरोपी रणधीर उर्फ धीरा पुत्र जयसिंह वासी जयसिंह का माजरा जिला यमुनानगर को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार किया।
एक गाड़ी व 15.90 लाख बरामद
पूछताछ में आरोपियों द्वारा उपरोक्त वारदात को अंजाम देने के बारे में खुलासा किया गया। आरोपियों के कब्जे से वारदात में इस्तेमाल एक गाड़ी व 15 लाख 90 हजार रुपए बरामद किए गए। जांच में खुलासा हुआ कि इस वारदात को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी दर्शन सिंह व चतर सिंह हैं।
आरोपी दर्शन सिंह फरार चल रहा है। आरोपी पहले किसी अमीर व्यक्ति से नजदीकियां बढ़ाते हैं, फिर थोड़ी जान पहचान हो जाने के बाद उस व्यक्ति को सोना सस्ते दाम पर दिलाने की बात करते थे, जो सोना आरोपियों के पास होता ही नहीं था।
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