कहने को तो शहर में 7 पार्क हैं, लेकिन ये सभी हरियाली और सुविधा के लिए तरस रहे हैं। किसी में टहलने को फुटपाथ नहीं है तो किसी में बैठने को बर्थ। रखरखाव के अभाव में अधिकांश पार्कों की घास तक सूख चुकी है। पार्कों की ऐसी दुर्दशा नगर परिषद/प्रशासन की घोर लापरवाही की ओर इशारा करती है। नगर परिषद पार्कों के प्रति इस कद्र लापरवाह है कि वह स्वयं शहर के पार्कों की इस स्थिति से अनभिज्ञ है। बता दें कि शहर के सौंदर्यीकरण को बढ़ावा देने को सरकार ने लाखों रुपए खर्च कर नगर के विभिन्न हिस्सों में सात पार्कों का निर्माण करवाया था।
इन पार्कों में शहर के सिंघाणा रोड पर स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस पार्क, मोहल्ला पुरानी मंडी स्थित राव तुलाराम पार्क, पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस के सामने स्थित महाराजा अग्रसेन चितवन वाटिका, आजाद चौक के निकट स्थित राव बंशी सिंह पार्क, नगर परिषद कार्यालय परिसर में स्थित रोज गार्डन, तालाब बहादुर सिंह पर स्थित भगवान महावीर कांप्लेक्स स्थित पार्क तथा शहर के पुराने वार्ड नंबर-18 में स्थित पार्क शामिल है। इन पार्कों के निर्माण के बाद राव बंशी सिंह पार्क को छोड़ कर दूसरे पार्कों के रख-रखाव की जिम्मेदारी नगर परिषद को सौंपी गई है, लेकिन उद्घाटन के बाद से ही नगर परिषद इन पार्कों के रख-रखाव व देखभाल की ओर कोई ध्यान दे रही है। देखभाल के अभाव में सभी पार्कों की हालत बद से बदतर होकर रह गई है। ऐसे में शहर में कोई स्थान ऐसा नहीं है जहां शहरवासी कुछ पल बैठकर सकें।
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