हकेवि महेंद्रगढ़ के कम्प्यूटर विज्ञान एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विद्यार्थियों में मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी और पायथन प्रोग्राम के प्रति आवश्यक जानकारी व कौशल विकास हेतु पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हो रहा है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी (एनआईईएलआईटी), रोपड़ के साथ मिलकर आयोजित इस कार्यशाला के शुभारंभ के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने जीवन में तेजी से बढ़ती मशीन लर्निंग व पायथन के महत्त्व पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला के आरंभ में कम्प्यूटर विज्ञान एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष व कार्यशाला के संयोजक डॉ. केशव सिंह रावत ने कार्यशाला की रूपरेखा, उद्देश्य व उसके महत्त्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला के अंतर्गत विभिन्न तकनीकी विषयों पर चर्चा की जाएगी। कार्यशाला में मुख्य अतिथि एनआईईएलआईटी, चण्डीगढ़ के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर शुभांशु तिवारी ने कहा कि अवश्य ही हकेवि के साथ यह साझेदारी विद्यार्थियों के कौशल विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
उन्होंने इस मौके पर केंद्र के साथ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी और अन्य कार्यक्रमों के स्तर पर साझेदारी करने का भी प्रस्ताव किया। पायथन का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रोग्रामिंग की ऐसी भाषा है जो विद्यार्थियों के रोजगार सृजन में मददगार है। विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर इनोवेशन एंड इन्कयूबेशन की निदेशक प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने कहा कि नवाचार के क्षेत्र में नई तकनीक बेहद महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने पायथन प्रोग्राम के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अवश्य ही इसका ज्ञान विद्यार्थियों को आईटी इंडस्ट्री में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने व नवोन्मेषण की दिशा में सहयोग करेगा। इस कार्यशाला में एनआईईएलआईटी, चण्डीगढ़ के एडिशन डायरेक्टर डॉ. मनीष अरोड़ा, विशेषज्ञ साइंटिस्ट डी डॉ. अनीता बुद्धिराजा, साइंटिस्ट सी डॉ. स्वर्ण सिंह ने विभिन्न महत्त्वपूर्ण विषयों की जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में विभाग की ओर से कार्यशाला के समन्वयक डॉ. सूरज आर्य, सहसमन्वयक डॉ. सुनील कुमार, डॉ. प्रीति मराठा व डॉ. अनूप तिवारी सहित शिक्षक एवं विद्यार्थी सम्मिलित हुए।
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