हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए CM मनोहर लाल ने एक बड़ा फैसला किया है। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो में अब चीफ विजिलेंस ऑफिसर की सरकार नियुक्ति करेगी। सरकार ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। जल्द ही सूबा सरकार की ओर से इस बाबत नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
हरियाणा में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए गठित हाई पावर कमेटी की दूसरी मीटिंग में मुख्य सचिव (CS) संजीव कौशल ने इसपर चर्चा की। मीटिंग में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अपनाई जा रही नीतियों और भ्रष्टाचार के लंबित मामलों की मॉनिटरिंग भी की गई।
रिटायर्ड अधिकारी बनेगा CVO
CS ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) लगाने का प्रस्ताव तैयार कर दिया गया है। जल्द अंतिम मंजूरी मिलते ही इन पदों के लिए विज्ञापन जारी किया जाएगा। CVO के लिए सेवानिवृत्त अधिकारियों को भी मौका दिया जाएगा। सीवीओ की नियुक्ति करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।
60 दिन में 389 मुकदमे
पिछले और इस माह में विजिलेंस द्वारा कुल 389 मामले किए गए, जिनमें से 216 मामलों में जांच पूरी की जा चुकी है। पूरी की गई जांच में से 47 जांचों में विभागीय कार्रवाई और 5 जांचों में आपराधिक मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई है। 3 मामलों पर निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार को भेजे गए हैं।
रिपोर्ट में सोर्स भी खुलासा
संजीव कौशल ने ऑफिसर्स को निर्देश दिए कि सभी कार्रवाई की रिपोर्ट बनाते समय शिकायतों का सोर्स भी दर्ज किया जाए ताकि सरकार के पास विस्तृत डाटा इकट्ठा हो सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि शिकायतों पर लिए गए एक्शन का टाइम 2 टाइम पर फॉलोअप भी किया जाना चाहिए ताकि अंतिम स्तर तक की गई कार्रवाई की भी सख्त निगरानी की जा सके।
सैंपल जांच के लिए अलग डिविजन
पंचकूला में स्थापित रीजनल CFSL लैब में वर्तमान में केमिस्ट्री और फिजिक्स डिवीजन नहीं है, जबकि अधिकतर सैंपल जो जांच के लिए भेजे जाते हैं, वो केमिस्ट्री और फिजिक्स से संबंधित होते हैं। इसलिए इस लैब में केमिस्ट्री और फिजिक्स की अलग डिवीजन बनाने के लिए सीएफएसएल को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
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