प्रदेश की मंडियों में तीसरे दिन भी पीआर धान की खरीद नहीं हुई। धान मिलिंग के लिए सरकार की नई पॉलिसी की शर्तों के विरोध में प्रदेशभर के राइस मिलर्स का विरोध मंगलवार को भी जारी रहा। वहीं, सोमवार को चंडीगढ़ में खाद्य आपूर्ति विभाग के एसीएस पीके दास सहित अन्य आला अधिकारियों को सौंपे गए मांगपत्र पर भी कोई रिस्पांस सरकार की ओर से नहीं आया।
राइस मिलर्स सरकार की प्रतिक्रिया के इंतजार में रहे। अधिकारियों ने शाम तक सीएम से बैठक कर निर्णय बारे अवगत कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन मंगलवार देर शाम तक भी मांगपत्र के संबंध में सरकार की ओर से कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की गई। पिछले 5-6 दिनों से मंडियों में धान लेकर पहुंचे किसान भी सरकार के विरोध में उतर आए। मंगलवार को करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, अम्बाला समेत कई जिलों में किसानों ने धरने दिए। किसानों और आढ़तियों ने मार्केट कमेटी कार्यालयों पर तालाबंदी कर प्रदर्शन किए।
करनाल, कैथल, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र में कई जगह पर रोड जाम किया गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में धान की निर्धारित प्रति एकड़ उत्पादकता को 25 क्विंटल से बढ़ाकर 30 क्विंटल कर दी है। यदि कोई किसान मंडी में 10 प्रतिशत अतिरिक्त धान लेकर आता है तो उसे भी खरीदा जाएगा। 30 सितंबर से मंडी सचिव व आढ़ती अपने स्तर पर 25 प्रतिशत किसानों को बुला सकेंगे।
सरकार से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला: चढूनी
भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है मंगलवार को सरकारी खरीद पहले की तर्ज पर शुरू कराने की मांग को लेकर चंडीगढ़ में खाद्य-आपूर्ति विभाग के एसीएस पीके दास से मिले थे। कोई संतोषजनक जवाब धान खरीद सुचारू होने बारे अधिकारी नहीं दे पाए। बुधवार को प्रदेशभर की मंडियों में किसान 11 बजे सड़कें जाम करेंगे।
धान खरीद न होने से किसान परेशान : मान
भारतीय किसान यूनियन का प्रतिनिधिमंडल धान की समुचित खरीद करने की मांग को लेकर मार्किटिंग बोर्ड की मुख्य प्रशासक सुमेधा कटारिया से मिले। भाकियू प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि मंडियों में धान खरीद न होने को लेकर किसान परेशान हैं, जिसे जल्द शुरू कराया जाए।
ये हैं मिलर्स की मांगें
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