हरियाणा के विभागों को साइबर अटैक से सुरक्षित करने के लिए सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। डेटा सिक्योरिटी के लिए राज्य के सीनियर IAS अफसरों को साइबर सिक्योरिटी का पाठ पढ़ाया जा रहा है। इसके लिए सेमिनार और वर्कशॉप आयोजित की जा रही हैं।
इसमें वह डेटा सिक्योरिटी की बारीकियों से रुबरू हो रहे हैं। साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों ने राज्य के हेल्थ डेटा को सुरक्षित रखने की सलाह दी है।
IAS को अपग्रेड होने की जरूरत
हरियाणा के मुख्य सचिव (CS) संजीव कौशल ने बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को समय-समय पर इस क्षेत्र के अपने कौशल को और अधिक अपग्रेड करने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि स्वयं PM भी अपने देश के IAS अधिकारियों को परिश्रमी बता चुके हैं।
विभागों में साइबर एक्सपर्ट भर्ती की तैयारी
साइबर एक्सपर्ट के अनुसार साइबर-सिक्योरिटी एक चुनौती बन गई है। 80 प्रतिशत हैकर्स देश के अंदरुनी हिस्से के ही होते हैं जो कि डेटा को हैक करते हैं। विशेषज्ञों ने हरियाणा के अधिकारियों को सुझाव दिया है कि प्रत्येक विभाग में कम से कम 2-3 स्किल्ड कर्मचारियों की भर्ती की जानी चाहिए।साथ ही अफसरों को साइबर अटैक के विभिन्न उदाहरण देते हुए डेटा की सिक्योरिटी के प्रति सचेत रहने के लिए आगाह किया गया।
इसलिए जरूरी है हेल्थ डाटा की सुरक्षा
हरियाणा में 28 लाख से ज्यादा आयुष्मान कार्डधारक होने जा रहे हैं। इन सबका डाटा ऑनलाइन है। साइबर अपराधियों के लिए यह बड़ा डाटा सबसे मुफीद है। इसलिए सूबे के डाटा को सुरक्षित करना बड़ा चुनौती है। इसके लिए हरियाणा पुलिस और साइबर एक्सपर्ट लोगों को स्वास्थ्य डाटा डिजिटल रुप में सुरक्षित रखने की सलाह देते हैं।
अब तक 3 हो चुके सेमिनार
हरियाणा IAS ऑफिसर्स एसोसिएशन के सचिव एवं हरियाणा CM के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. अमित अग्रवाल ने बताया कि कोविड-19 के बाद एसोसिएशन का यह तीसरा सेमिनार है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से IAS अधिकारियों का आपस में मिलन हो जाता है वहीं उनके ज्ञान में भी वृद्धि होती है।
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