5 दिनों की बारिश से फसलों के हुए नुकसान की जानकारी हरियाणा सरकार ने किसानों से मांगी है। विशेष गिरदावरी करने के साथ ही फसल का नुकसान जानने के लिए E-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल लिंक लॉन्च किया गया है। मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर किसान अपने मोबाइल नंबर और परिवार पहचान पत्र से फसल खराब होने के 72 घंटे के भीतर नुकसान की डिटेल भर सकते हैं। इसके बाद पटवारी एक हफ्ते में फील्ड में जाकर नुकसान की जांच करेंगे।
यह डिटेल भरनी होगी
पोर्टल पर किसानों को जमीन का खसरा नंबर देने के साथ फसल के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी, जैसे- फसल का बीमा है या नहीं और कितनी एकड़ में फसल कितने प्रतिशत तक खराब हुई है। सरकार ने उन किसानों को इस सुविधा से बाहर रखा है, जिनका प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना और बीज विकास निगम प्रोग्राम में नाम शामिल है।
पटवारी 7 दिन में देंगे रिपोर्ट
राज्य के पटवारियों को निर्देश दिए गए हैं कि पोर्टल पर अपलोड होने वाली डिटेल की फील्ड में जाकर जांच करें। किसानों द्वारा दी गई खराबे की जानकारी और फोटोग्राफ का भौतिक सत्यापन किया जाए। 7 दिन में पटवारी अपनी रिपोर्ट फाइल करें। इसके बाद सरकार फसल का नियमों के अनुसार किसानों को मुआवजा देगी।
हरियाणा में 8 लाख एकड़ फसल जलमग्न
हरियाणा में 5 दिन बारिश होने से किसान टेंशन में आ गए हैं, क्योंकि प्राथमिक रिपोर्ट में राज्य के 8 लाख एकड़ खेतों में बारिश का पानी भर गया है, जिसे निकालने में 7 दिन का समय लगेगा। हालांकि हरियाणा सरकार ने सभी जिलों के DC को खेतों से पानी निकालने की हिदायत दी है। फसलों को हुए नुकसान के लिए स्पेशल गिरदावरी शुरू करने के निर्देश भी सरकार की ओर से जारी कर दिए गए हैं।
करनाल में 90,000 एकड़ फसल प्रभावित
अकेले करनाल जिले में 90 हजार एकड़ धान के खेतों में बारिश का पानी भरा हुआ है। कैथल में 4000 एकड़ धान की फसल प्रभावित हुई है। कृषि विभाग के प्राथमिक आंकड़ों में सामने आया है कि सूबे में लगभग 8 लाख एकड़ धान के खेतों में बारिश का पानी भर गया है। किसान फसल को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। वहीं सरकार की ओर से भी खेतों में भरे पानी को निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पूसा-1509 और PR-126 फसलों को ज्यादा नुकसान
हरियाणा के किसानों ने बताया कि मुख्य रूप से कम अवधि की पूसा-1509 और PR-126 जैसी किस्मों को नुकसान पहुंचा है। नमी की मात्रा अधिक होने से भविष्य में बाजार में इनकी कीमतों में गिरावट आ सकती है। जो लोग अपनी फसल काट कर अनाज मंडियों में पहुंच चुके हैं, वे आढ़तियों की हड़ताल के कारण अपनी उपज नहीं बेच पा रहे हैं।
खेतों में बिछी फसल, अंकुरित हो रहे दाने
बारिश के बाद चली हवा से धान और बाजरे की फसल खेतों में बिछ गई है। खेतों में पानी भरा होने से फसल के दाने अंकुरित होने लगे हैं। मजबूरी में ऐसी फसलों को किसान फैंकने के लिए मजबूर हैं। किसानों का कहना है कि CM मनोहर लाल को बारिश से फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे के लिए विशेष व्यवस्था करनी चाहिए।
कपास, धान और सब्जी की फसलें प्रभावित
पिछले पांच दिनों में प्रदेशभर में तेज बारिश हुई है। इससे कपास, धान समेत सब्जी की फसलें खराब हुई हैं। इसके साथ ही लाखों एकड़ फसल में पानी जमा हो गया है। अगर समय पर पानी की निकासी नहीं हुई तो फसलों के खराब होना तय है। करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, रोहतक, सोनीपत, झज्जर और भिवानी समेत कई जिलों में लाखों एकड़ फसल में पानी जमा है।
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