मिस्र के शर्म-अल-शेख में चल रहे 72वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (COP) सम्मेलन में पहली बार हरियाणा ने भागीदारी की। हरियाणा की ओर से सम्मेलन में पर्यावरण के लिए जीवन शैली विषय पर अभी तक किए गए कामों का सूबे की ओर से 190 देशों को एक्शन प्लान दिखाया गया। बताया गया कि हरियाणा अपने ट्री आउट साइड फॉरेस्ट (TOF) के तहत 420 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करेगा।
इन अधिकारियों ने रखी हरियाणा की बात
हरियाणा के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए शर्म-अल-शेख के दौरे पर हैं। प्रतिनिधिमंडल में PCCF जगदीश चंद्र, CEO सीएएमपीए डॉ. विवेक सक्सेना और वन विभाग में सचिव फॉरेस्ट डॉ टीपी सिंह शामिल हैं।
जलवायु परिवर्तन पर हरियाणा की पहल
पहली पहल: पंचामृत योजना
सीओपी-27 में डॉ विवेक सक्सेना ने जलवायु परिवर्तन से संबंधित कार्य योजना और प्रतिबद्धताओं के पांच अमृत तत्वों (पंचामृत) पर हरियाणा द्वारा जी जा रही पहलों को प्रस्तुत किया। विशेष इवेंट में हरियाणा सरकार की उन पहलों को दिखाया गया है, जो जलवायु लक्ष्यों और 2070 तक जलवायु तटस्थता के लिए भारत की प्रतिबद्धता का समर्थन करती हैं।
दूसरी पहल: एग्रोफोरेस्ट्री
हरियाणा ने एग्रोफोरेस्ट्री और ट्री आउटडोर फॉरेस्ट (TOF) को बढ़ावा देने का उदाहरण प्रस्तुत किया। वन क्षेत्र के तहत केवल 3.5 प्रतिशत के साथ वन की कमी वाला राज्य होने के बावजूद, हरियाणा का देश के प्लाईवुड उत्पादन में गैर-वन क्षेत्रों से प्राप्त कृषि आधारित लकड़ी का लगभग 50 प्रतिशत का योगदान दे रहा है।
तीसरी पहल: ट्री आउटडोर फॉरेस्ट
हरियाणा यूएसएआईडी समर्थित टीओएफआई (ट्री आउटसाइड फॉरेस्ट्री इन इंडिया) कार्यक्रम का भी हिस्सा है। जिसे भारत के सात राज्यों में लागू किया जाना है। टीओएफआई कार्यक्रम 420 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर सीक्वेस्ट्रेशन में योगदान देगा और TOF के तहत 2.8 मिलियन हेक्टेयर नई भूमि को कवर करेगा।
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