धान खरीद को लेकर कुरुक्षेत्र में दिल्ली-अमृतसर NH 44 ब्लॉक करने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ा रुख दिखाया है। हाईकोर्ट ने सरकार को हाईवे खाली करवाने को कहा। इसके अलावा जाम करने वाले किसानों की अगुआई करने वाले भाकियू (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी को नोटिस जारी किया गया है। किसान नेता से जवाब मांगने के साथ हरियाणा सरकार से भी स्टेटस रिपोर्ट तलब की गई है। सोमवार को फिर इस मामले की सुनवाई होगी। वहीं सरकार और किसानों में सहमति के बाद यह धरना खत्म हो चुका है।
HC ने कहा - बल प्रयोग अंतिम विकल्प
HC ने सुनवाई के दौरान कहा कि आंदोलन के दौरान नेशनल हाईवे (NH) को जाम नहीं किया जा सकता। यह पूरी तरह अवैध है। सुप्रीम कोर्ट ने भी नेशनल हाइवे जाम करने को पूरी तरह अवैध माना है। हाईकोर्ट में जस्टिस AG मसीह और जस्टिस आलोक जैन की डबल बैंच ने मामले की सुनवाई की। सोमवार को हरियाणा सरकार द्वारा हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश की जाएगी।
याचिका में दलील: 5 राज्यों में आने-जाने पर परेशानी, देश पर भी असर
हाइकोर्ट के वकील रणदीप तंवर ने याचिका में तर्क दिया है कि GT रोड ब्लॉक होने से कुरुक्षेत्र के आगे और दूसरी तरफ अंबाला से आगे की तरफ ट्रैफिक जाम हो जाता है। इससे लोगों को आने जाने में बहुत परेशानी होती है। यह हाईवे हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के लिए जीवन रेखा से कम नहीं है। लोगों की परेशानी के साथ इससे देश की इकॉनमी पर भी बुरा असर पड़ता है। यही नहीं, हाइवे बंद करने से पहले इसकी कोई सूचना तक नहीं दी गई।
किसान-सरकार में हो चुका समझौता
कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी की अगुआई में शनिवार सुबह दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाईवे-44 (जीटी रोड) जाम कर दी गई। किसान तुरंत धान खरीद की मांग कर रहे थे। करीब 24 घंटे जाम के बाद प्रदर्शनकारी किसानों और सरकार में सहमति बन गई। जिसके बाद रविवार दोपहर में ही जाम खोल दिया गया था।
सरकार और किसानों में यह बनी सहमति
भाकियू नेता गुरनाम चढ़ूनी और सरकार के बीच सहमति में तय हुआ कि जो फसल मंडियों में पड़ी है, उसकी भराई तुरंत शुरू कर दी जाएगी। हालांकि खरीद का काम 1 अक्टूबर से ही होगा। सरकार अब 22 की जगह 30 क्विंटल प्रति एकड़ तक धान लेगी। इससे किसान की धान खराब नहीं होगी और पूरी धान की खरीद हो जाएगी।
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