हरियाणा में 5 दिन बारिश होने से किसान टेंशन में आ गए हैं, क्योंकि प्राथमिक रिपोर्ट में राज्य के 8 लाख एकड़ खेतों में बारिश का पानी भर गया है, जिसे निकालने में 7 दिन का समय लगेगा। हालांकि हरियाणा सरकार ने सभी जिलों के DC को खेतों से पानी निकालने की हिदायत दी है। साथ ही आज से फसलों को हुए नुकसान के लिए स्पेशल गिरदावरी शुरू करने के निर्देश भी सरकार की ओर से जारी कर दिए गए हैं।
करनाल में 90,000 एकड़ फसल प्रभावित
अकेले करनाल जिले में 90 हजार एकड़ धान के खेतों में बारिश का पानी भरा हुआ है। कैथल में 4000 एकड़ धान की फसल प्रभावित हुई है। कृषि विभाग के प्राथमिक आंकड़ों में सामने आया है कि सूबे में लगभग 8 लाख एकड़ धान के खेतों में बारिश का पानी भर गया है। किसान फसल को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। वहीं सरकार की ओर से भी खेतों में भरे पानी को निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पूसा-1509 और PR-126 फसलों को ज्यादा नुकसान
हरियाणा के किसानों ने बताया कि मुख्य रूप से कम अवधि की पूसा-1509 और PR-126 जैसी किस्मों को नुकसान पहुंचा है। नमी की मात्रा अधिक होने से भविष्य में बाजार में इनकी कीमतों में गिरावट आ सकती है। जो लोग अपनी फसल काट कर अनाज मंडियों में पहुंच चुके हैं, वे आढ़तियों की हड़ताल के कारण अपनी उपज नहीं बेच पा रहे हैं।
खेतों में बिछी फसल, अंकुरित हो रहे दाने
बारिश के बाद चली हवा से धान और बाजरे की फसल खेतों में बिछ गई है। खेतों में पानी भरा होने से फसल के दाने अंकुरित होने लगे हैं। मजबूरी में ऐसी फसलों को किसान फैंकने के लिए मजबूर हैं। किसानों का कहना है कि CM मनोहर लाल को बारिश से फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे के लिए विशेष व्यवस्था करनी चाहिए।
रिपोर्ट के आधार पर मिलेगा मुआवजा
कृषि मंत्री JP दलाल ने कहा कि बारिश से प्रभावित फसलों की स्पेशल रिपोर्ट तैयार करवाई जाएगी, जिसके आधार पर किसानों को फसलों के खराबे का मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। साथ ही खेतों में जमा पानी की निकासी एक सप्ताह में करवा दी जाएगी और रबी फसलों की बिजाई तक खेतों से पानी निकलवाया जाएगा। इस मामले में कोई भी कोताही बरतेगा तो कार्रवाई की जाएगी।
सुरजेवाला बोले- सोई पड़ी खट्टर-दुष्यंत सरकार
बारिश से फसलों को हुए नुकसान पर हरियाणा कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गई है। राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट लिखा है कि मंडी से खेत तक लाखों एकड़ फसल ख़राब, न पानी की निकासी, न MSP, न मुआवज़ा। हरियाणा की खट्टर-दुष्यंत सरकार सोई हुई है। अन्नदाता की चीत्कार कोई नहीं सुन रहा है।
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