कनाडा की संसद में आज गीता के श्लोक गूंजे। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के तहत आयोजित समारोह में संसद के मुख्य पुस्तकालय में गीता स्थापित की गई। इस दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि गीता में निहित शांति, सद्भाव और भाईचारे का संदेश सार्वभौमिक है। समारोह के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का संदेश संसद भवन में चलाया गया।
हजारों साल से प्रेरणा दे रही गीता: स्वामी ज्ञानानंद
संसद पुस्तकालय की प्रमुख सोन्या ने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद और भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य से पुस्तकालय के लिए गीता स्वीकार की। इस अवसर पर स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि वर्तमान समय में भगवत गीता की प्रासंगिकता और भी ज़्यादा बढ़ गई है। हर व्यक्ति को गीता को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। गीता का संदेश हर काल के लिए प्रासंगिक है और यह हज़ारों साल से मानव को प्रेरणा देता रहा है।
कनाडा PM का संदेश भी पढ़ा गया
समारोह में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का संदेश भी पढ़ा गया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन कनाडाई लोगों को एक साथ लाते हैं और उन्हें अपनी विविधता का जश्न मनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
3 देशों में स्थापित हो चुकी गीता
कुरुक्षेत्र को विश्व पटल पर लाने और पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से कुरुक्षेत्र और हरियाणा ही नहीं मॉरीशस और इंग्लैंड जैसे देशों में भी अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को लेकर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है। इस बार यह कार्यक्रम कनाडा में आयोजित किया गया।
बच्चों ने किया गीता पाठ
समारोह में चिन्मय मिशन के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। उन्होंने गीता श्लोक पाठ किया। वहीं कलाकारों के द्वारा शास्त्रीय नृत्य का प्रदर्शन भी किया गया।
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