हरियाणा के जींद में खटकड़ और बद्दोवाल टोल पर चल रहा किसानों का धरना मंगलवार सायं खत्म हो गया। हालांकि किसान बुधवार तक जमें रहेंगे। प्रशासन और टोल प्लाजा प्रबंधकों से NOC लेने के बाद टोल उनको सौंप दिया जाएगा।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढ़ूनी,जगजीत डलेवाल, युद्धवीर और अभिमन्यु कोहाड़ समेत कई नेता यहां धरनों पर पहुंचे। किसानों ने फूल बरसा कर उनका स्वागत किया। किसान नेताओं ने कहा कि अब धरना उठाने का समय आ गया है। टोल कमेटी ने कहा कि बुधवार को किसान यहां से उठ जाएंगे। इससे पहले इसकी एनओसी लेंगे कि टोल पर किसी प्रकार का नुकसान किसानों की ओर से नहीं किया गया है।
राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार यह सोचती है कि आंदोलन समाप्त हो गया है तो यह गलत है। क्योंकि एमएसपी की लड़ाई अभी जारी है। नए कृषि कानून रद्द हो गएं है तो किसानों ने अपने धरने समाप्त किया है। ताकि सरकार शांति से अपने काम कर सके और किसानों को जल्द से जल्द एमएसपी का गांरटी मिले। किसान अभी भी एकजुट हैं। हर जगह भारी भीड़ उमड़ रही है।
टिकैत ने कहा कि इस आंदोलन में हमने हमारे 750 साथियों को खो दिया लेकिन हमको एक करने का काम किया है। हमने एक बात सुनी थी की हरियाणा की खाप, पंचायतें पानी के मसले को लेकर पंजाब की जत्थे-बंदियो से बात करके हरियाणा के हक का पानी देने बारे विचार करेंगे। परंतु मैं आपसे कहना चाहता हूं कि यह गलती कभी नहीं करना।
पंजाब के लोग सोचेंगे कि हरियाणा ने पानी के लालच में आकर हमारा सहयोग किया है। यह सरकार का काम है इससे हमारा भाई सारा खराब होगा। किसानों को किसान आंदोलन के नाम का एक एक पौधा लगाने की भी अपील की।
इस मौके पर मास्टर बलबीर सिंह, सुनील बदोवाल, सीमा बदोवाल, होशियार सिंह, जिले सिंह जैलदार, मेवा सिंह नैन, महेन्द्र सिंह चौपड़ा, आजाद पालवा, कमरजीत भाजवा, अमनदीप सिंह खालसा सहित सैंकडों की संख्या में किसान मजदूर मौजूद रहे।
हरियाणा के लोगों ने आंदोलन सफल बनाया-चढूनी
बदोवाल टोल प्लाजा पर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसान आंदोलन को प्रभावित आंदोलन बनाने में हरियाणा के किसान मजदूरों ने अहम भूमिका निभाकर सरकार को उसकी औकात दिखाने का काम किया। किसान आंदोलन के चलते पूरे हरियाणा में किसी भी मंत्री व विधायक का हिम्मत नहीं हुई कि वह लोगों के बीच जा सके और जिसने अपने पार्टी का प्रचार करने का साहस किया। उसे सबक भी हरियाणा के किसानों ने सिखाया।
पूरे देश ने देखी हरियाणा की क्रांति-डलेवाल
किसान नेता जगजीत डलेवाल ने कहा कि सरकार के काले कानून लागू होने पर सबसे पहले पंजाब की मजदूर किसान उठा था, लेकिन जब बात दिल्ली जाने की आई तो हरियाणा के किसान मजदूरों ने आंदोलनरत किसानों को दिल्ली पहुंचाने का काम किया। हरियाणा पंजाब की एकता के बाद ही अन्य राज्यों के किसान इस आंदोलन में कूदे और आंदोलन को सफल बनाकर सरकार को धूल चटाई।
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