बारिश का सीजन आ रहा है और नाले बंद पड़े हैं। इससे नाराज पार्षदों ने ठेका रद करने की मांग की है। पार्षदों ने आरोप लगाया कि निश्चित रूप से सिर्फ पैसा बनाया जा रहा है, नहीं तो हर महीने 25 लाख खर्च करने के बाद भी नालों की सफाई नहीं हो रही और जिम्मेदार लोग ध्यान नहीं दे रहे हैं।
पार्षद अश्वनी ढींगड़ा, पार्षद मीनाक्षी नारंग व पार्षद शकुंतला गर्ग आदि पार्षदों ने नाला गैंग निरंतर काम कर ही तो रहा है, लेकिन कहां कर रहा यह किसी को पता नहीं। पार्षदों ने कहा कि जब तक पूछने के लिए पार्षदों को पावर नहीं देंगे, यहीं स्थिति बनी रहेगी। पार्षदों ने कहा कि इस ठेकेदार का ठेका रद कर दूसरे को दिया जाए। इसकी वे लोग कमिश्नर से लिखित में भी शिकायत करेंगे।
पब्लिक बोली, 100 आदमी कहां काम कर रहे हैं, कहीं तो दिखे
पूर्व डिप्टी मेयर के पति और भाजपा के तहसील कैंप मंडल के पूर्व अध्यक्ष राजू तेलवाला, सेक्टर-12 निवासी रमन, तहसील कैंप निवासी जितेंद्र आदि का कहना है कि नालाें की सफाई के नाम नगर निगम काे लूटा जा रहा है। तेलवाला ने कहा कि एरिया कोई भी ले लीजिए, कहीं पर भी नाला गैंग दिखता ही नहीं। 100 लोग काम कर रहे हैं तो कहीं न कहीं तो दिखना चाहिए।
शहर के पुराने बाजार सहित, आउटर की कॉलोनियों में स्थिति सबसे अधिक खराब है। बरसत रोड और सनौली रोड के बीच की कॉलोनियों में स्थिति बदतर है। यहीं हाल बबैल रोड किनारे की कॉलोनियों में, वार्ड-21, 22 से लेकर 26 तक हर जगह नालियां बंद हैं। सवाल उठता है कि ऐसे में हर माह नाला गैंग को 25 लाख क्यों दिया जा रहा।
दबाव बढ़ा तो शुरू हुई नालों की सफाई : दबाव बढ़ा तो शनिवार काे नाला गैंग कर्मचारियाें ने तहसील कैंप एरिया व नूरवाला के पास साथ लगती हरि सिंह काॅलाेनी, देवी मंदिर के पास वधावा राम काॅलाेनी व अशाेक नगर में नालाें की सफाई की। बरसाती सीजन में यही एरिया व आसपास की काॅलाेनी जलमग्न हाे जाती है। ऐसे में ज्यादातर प्रमुख सड़काें पर जलभराव की सबसे ज्यादा समस्या हाेने के कारण बीमारियां भी फैलने का भय रहता है।
नालाें की सफाई के काम में तेजी कराने के दिए हैं निर्देश : कमिश्नर
शहर में जाम पड़े नालाें की सफाई के काम तेजी करने के निर्देश दिए गए हैं। जहां भी काम किया जाता है, वहां की लेटेस्ट फाेटाे जीपीएस कैमरे में खींचकर मंगवाई जाती है। फिलहाल सफाई ही मुख्य मकसद है। शहरवासियों काे जलभराव का संकट न झेलना पड़े, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
-आरके सिंह, कमिश्नर, नगर निगम, पानीपत।
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