हरियाणा के पानीपत जिले में उद्यमियों को पीएनजी कनेक्शन लेने का आखिरी समय दे दिया गया है। इसके बाद उद्योग पर ताला लगा दिया जाएगा। यह अल्टीमेटम कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने बुधवार को दिया। आयोग ने हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, एसीएस व प्रदूषण बोर्ड के मेंबर सचिव को पत्र जारी करके किसी भी प्रकार की राहत देने से इंकार कर दिया है। कमीशन ने पीएनजी पर उद्योगों को स्थापित करने के निर्देश सख्ती से जारी कर दिए हैं।
कमीशन के मेंबर सचिव अरविन नौटियाल ने तीनों प्रदेशों के मुख्य सचिव, एसीएस व मेंबर सचिव को साफ निर्देश दिए हैं कि वे अपने अपने क्षेत्र में सर्वे कर लें कि कितने उद्यमियों ने पीएनजी पर उद्योगों को स्थापित किया है। 30 सितंबर के बाद उद्योग कोयला व अन्य प्रकार के फ्यूल पर चलते मिले तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। उद्योगों को 30 सितंबर के बाद कोई राहत नहीं मिलेगी। अब उद्यमी काफी चिंतित हैं। उन्होंने पर्यावरण मंत्री से मिलने का समय मांगा है।
पीएनजी का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं
अब तक केवल सेक्टर-25 और सेक्टर-29 में ही पीएनजी की पाइप लाइन बिछाई गई है। अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया, बरसत रोड और पसीना रोड में पीएनजी पाइपलाइन नहीं बिछी है, जबकि पीएनजी पर आने के लिए 30 सितंबर तक का वक्त दिया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी नोटिस जारी कर दिया है। वहीं उद्यमियों का कहना है कि सरकार के पास बॉयलर को पीएनजी संचालित करने के लिए पर्याप्त बर्नर नहीं हैं। ऐसे में सभी उद्योगों को 30 सितंबर तक पीएनजी पर शिफ्ट करना संभव नहीं है। इसमें 40-50 लाख तक का खर्च आएगा। उन्होंने सरकार से तारीख को आगे बढ़ाने की मांग की है।
ईंधन सस्ता, पीएनजी पड़ेगी महंगी
सूरत, पालनी अहमदाबाद, लुधियाना, कोसी अमृतसर में सस्ता ईंधन प्रयोग होता है। गुजरात में 5 रुपए प्रति किलोग्राम का लिग्नाइट कोयला इस्तेमाल किया जाता है। पंजाब के लुधियाना में 15 रुपए प्रति किलोग्राम का पेटकोक का इस्तेमाल होता है। पीएनजी 58 रुपए प्रति किलोग्राम मिलेगी। ऐसे में उत्पादन लागत बढ़ेगी।
पर्यावरण मंत्री से करेंगे मुलाकात
पानीपत डायर्स एसोसिएशन प्रधान भीम राणा सेक्टर 29 पार्ट-2 में 250 फैक्टरियां लगी हैं। कुराड़ रोड पर भी उद्योग लगे हैं। वहां कॉमन बायलर की सुविधा दी जाए। इस समस्या के समाधान के लिए सांसद संजय भाटिया के माध्यम से उद्यमी पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात करके अपना पक्ष रखेंगे।
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