हरियाणा का पानीपत जिला एनीमिया से ग्रस्त है। शहर के 76 प्रतिशत बच्चे, किशोर, किशोरियां व गर्भवती महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं। यह हम नहीं, बल्कि एक मई से 7 मई के बीच एनीमिया मुक्त अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई जांच में सामने आया है। इन 7 दिनों में विभाग ने अस्पतालों, गांवों व कॉलोनियों में 23433 बच्चों, किशोरों व महिलाओं की जांच की थी।
इनमें से 17950 में खून की कमी मिली। 769 एनीमिया के गंभीर रोगी पाए गए। 806 रोगियों को सामुदायिक केंद्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से सिविल अस्पताल रेफर करना पड़ा। विभाग की टीम ने 9111 रोगियों का उपचार किया है, बाकी रोगियों को उनका खानपान अच्छा करने के लिए जागरूक किया गया है। विभाग ने 2030 तक देश-प्रदेश को एनीमिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा है।
गर्भवतियों में इसीलिए बढ़ रही प्री मैच्योर डिलीवरी
पिछले साल की रिपोर्ट के अनुसार, जिले की 68 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में खून की कमी मिली थी। अब इस अभियान के तहत भी जितनी गर्भवतियों की जांच हुई, वह लगभग सभी एनीमिया की शिकार मिली हैं। खून की कमी के कारण ही प्री मैच्योर डिलीवरी बढ़ रही है। हर माह सिविल अस्पताल में औसतन 90-100 के बीच प्री मैच्योर डिलीवरी हो जाती है। इनमें 10 प्रतिशत केसों में शिशु की मौत भी हो जाती है।
एनीमिया के खिलाफ गंभीरता से काम कर रहे हैं
पानीपत के डिप्टी CMO डॉ. ललित वर्मा ने बताया कि एक मई से 7 मई के बीच चले एनीमिया मुक्त अभियान की रिपोर्ट सबमिट हो गई है। एनीमिया एक गंभीर मुद्दा है। इसके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग लगातार अभियान चला रहा है। अब अभियान में जो एनीमिया से ग्रस्त मिले हैं, उनको इलाज दिया जा रहा है। लोगों को एनीमिया के खिलाफ जागरूक किया जा रहा है।
किस आयु वर्ग के कितने लोगों की हुई
जांच... ..............................कम... मध्यम... गंभीर... स्थिति... उपचार दिया... रेफर
6 माह से 5 साल तक... 3575... 1584... 767... 127... 1232... 124
5 से 9 साल तक... 4743... 2317... 884... 119... 1660... 85
10-19 साल तक... 6791... 3444... 1060... 88... 2644... 76
गर्भवती महिलाएं... 2156... 1363... 719... 74... 1176... 46
स्तनपान कराने वाली महिला... 2589... 1253... 1022... 314... 17... 436
अन्य... 3579... 2189... 579... 47... 2382... 39
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