हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के इंडस्ट्रियल प्लॉट मौजूदा रिजर्व प्राइस के बदले कलेक्टर रेट पर अलॉट करवाकर भ्रष्टाचार करने के आरोप में पानीपत एचएसवीपी में पटवारी सेक्टर-12 निवासी संजय सेठी का सिरसा तबादला करके उनके खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू हो गई है। केस में एचएसवीपी के तत्कालीन ईओ योगेश रंगा की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
चीफ विजिलेंस ऑफिसर राजीव मेहता ने ईओ से भी स्पष्टीकरण मांगा है। उग्राखेड़ी के संदीप ने एचएसवीपी के पंचकूला में मुख्य प्रशासक पंकज यादव से सेठी के भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। आरोप लगाया कि सेठी ने पानीपत, रोहतक से लेकर पंचकूला के अफसरों से मिलीभगत कर सेक्टर-25 पार्ट-1 और सेक्टर-29 पार्ट-2 के 5 इंडस्ट्रियल प्लॉट कलेक्टर रेट पर उद्यमियों को अलॉट करा दिए। बदले में मोटी रकम ली। प्लॉट वर्तमान रिजर्व प्राइस और कलेक्टर रेट में से जो भी अधिक हो, उस पर अलॉट करने थे। लेकिन, करंट रिजर्व प्राइस से तीन गुणा कम कलेक्टर रेट पर अलॉट कर दिए। 5 प्लॉटों पर ही एचएसवीपी को 8 करोड़ का नुकसान हुआ। आरोप है कि इसी तरह कई अन्य प्लॉट भी अलॉट किए गए हैं।
सेक्टर-29 पार्ट-2 की जमीन 7300 रु. प्रति वर्ग मीटर में ही अलॉट की
संदीप ने बताया कि सेक्टर-29 पार्ट-2 में करंट रिजर्व प्राइस 21000 रु. वर्ग मीटर है। सेठी ने अफसरों से मिलकर उद्यमियों को 7300 रुपए प्रति वर्ग मीटर की रेट से प्लॉट अलॉट कर दिए। इसी तरह से सेक्टर-25 पार्ट-1 में भी कलेक्टर रेट पर प्लॉट अलॉट कर घोटाला किया गया।
नियमों को ताक पर रख हाई प्राइस की बात को लेटर से ही हटवा दिया
आरोप है कि पंचकूला में अफसरों से मिलकर सेठी ने एचएसवीपी से लेटर जारी करवाया। इसमें लिखा कि करंट रिजर्व प्राइस या कलेक्टर रेट पर प्लॉट अलॉट किए जाएं। जबकि नियम है कि दोनों में से जिसका रेट हाई हो उस पर प्लॉट बेचे जाएंगे, लेकिन लेटर में हाई शब्द हटवा दिया।
इन प्लॉट के अलॉटमेंट की अब शुरू हो गई है विजिलेंस जांच
सेक्टर-25 पार्ट-1 में प्लॉट नंबर 31, जो 1045 वर्ग मीटर का है। 4 अन्य प्लॉट सेक्टर-29 पार्ट-2 में 2100 वर्ग मीटर का प्लॉट नंबर 34, 1000 वर्ग मीटर का प्लॉट नंबर 141 व प्लॉट नंबर 71 और 525 वर्ग मीटर का प्लॉट नंबर 585 है।
तत्कालीन ईओ से जवाब-तलबी, संजय सेठी को भी बुलाया जाएगा
इस बारे में चीफ विजिलेंस ऑफिसर आईएएस राजीव मेहता ने कहा कि मुख्य प्रशासक से जांच के आदेश मिलने के बाद मामले की जांच शुरू हो गई है। सबसे पहले तत्कालीन ईओ योगेश रंगा से स्पष्टीकरण मांगा है। इसके बाद संजय सेठी को भी बुलाया जाएगा।
आरोपी सेठी की 2 बातें
1. मेरा इन प्लॉट के अलॉटमेंट से कोई लेना-देना नहीं है
जिन पांच प्लॉटों का शिकायत में जिक्र है, उन प्लॉटों का अलॉटमेंट 20 फरवरी 2019 को ही हो गया। जबकि 10 दिसंबर 2019 से मैं एचएसवीपी में पटवारी लगा हूं। इसलिए, इन प्लॉटों के अलॉटमेंट से मेरा कोई लेना-देना नहीं। यह सिर्फ बदनाम करने की साजिश है।
2. जैसा विभाग ने लिखकर दिया, मैंने वैसा ही किया
एचएसवीपी की ओर से ही जारी लेटर में कहा गया कि करंट रिजर्व प्राइस या कलेक्टर रेट पर अलॉट कर दो। इसलिए ये प्लॉट कलेक्टर रेट पर अलॉट कर दिए गए। रही बात विजिलेंस जांच की तो अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है।
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