पंजाब के लुधियाना जिला अदालत में आज ब्लास्ट में हुई दो लोगों की मौत के मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है। कोर्ट ने दोनों राज्यों की सभी जिला अदालतों को पूरी तरह सुरक्षित करने के आदेश जारी किए है। कोर्ट ने सभी कोर्ट की सुरक्षा तत्काल सुनिश्चित करने के कड़े निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट के इन आदेशों का रियल्टी चेक करने के लिए भास्कर टीम ने पानीपत कोर्ट का निरिक्षण किया। टीम को वहां अनेकों तरह की खामियां मिली।
अगर बात सुरक्षा की करें, तो सुरक्षा के नाम पर टीम को खानापूर्ति भी नहीं मिली। सिर्फ वीआईपी और ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स के गेट पर पुलिसकर्मियों की तैनाती मिली। इसके अलावा कोर्ट परिसर के हर भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों की सुरक्षा पूरी तरह भगवान भरोसे मिली।
कोर्ट कॉम्प्लेक्स में जाने के चार गेट, सिर्फ वीआईपी गेट पर ही सुरक्षा
जीटी रोड से लघु सचिवालय और ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स में जाने के चार मुख्य गेट हैं। इनमें गेट नंबर एक वीआईपी एंट्री गेट है। इस गेट से सिर्फ प्रशासनिक अमला ही अंदर जा सकता है। इस गेट पर पुलिसकर्मियों की तैनाती थी। इसके अलावा बाकी तीनों गेटों पर किसी भी तरह की सुरक्षा नहीं मिली। इसके बाद अगर बात लघु सचिवालय के भीतर प्रवेश करने की करें, तो हां यहां दोनों गेट पर पुलिसकर्मियों की तैनाती थी। मगर आने-जाने वालों पर किसी तरह की कोई रोक-टोक नहीं थी। वहीं, अगर बात ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स की करें तो वहां भी सिर्फ मुख्य द्वार पर पुलिसकर्मियों की तैनाती मिली।
वकीलों के चैंबरों की बिल्डिंग चारों तरफ से असुरक्षित
ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स के साथ ही वकीलों के चैंबरों की दो बिल्डिंग है। दोनों बिल्डिंग के 10 से ज्यादा दरवाजे हैं। किसी भी दरवाजे पर किसी भी तरह सुरक्षा नहीं मिली। इन दोनों बिल्डिंग के पीछे पूरा सुनसान एरिया है। यहां से कोई भी संदिग्ध बड़ी आसानी से आ जा सकता है। इतना ही नहीं, बिल्डिंग के हर दरवाजे से भी बिना रोक-टोक को कोई भी आ जा सकता है। लघु सचिवालय और ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स की बिल्डिंग के बीच बहुत बड़ा एरिया है, जहां दिनभर लोगों की भीड़ लगी रहती है। मगर सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षा न के बराबर है।
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