भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत को 'गोल्डन आवर' के भीतर बचाने वाले हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर सुशील और कंडक्टर परमजीत को उत्तराखंड पुलिस सम्मानित करेगी। दोनों पानीपत डिपो में तैनात हैं। उन्हें 'गुड सेमेरिटन' का अवार्ड दिया जाएगा।
उत्तराखंड के DGP अशोक कुमार ने कहा कि सड़क दुर्घटना के बाद ऋषभ पंत की मदद के लिए सबसे पहले हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर-कंडक्टर और स्थानीय लोग थे। पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने भी ड्राइवर सुशील कुमार का धन्यवाद किया। जिन्होंने पंत को बैडशीट पर लपेटा और एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल भेजा।
लक्ष्मण ने ट्वीट कर ड्राइवर-कंडक्टर की सराहना की
ड्राइवर-कंडक्टर ने तुरंत बाहर निकाला
इनमें 3 दिहाड़ी मजदूर भी शामिल थे। इन लोगों को भारत सरकार की 'गुड सेमेरिटन' योजना के तहत पुरस्कृत किया जाएगा। वहीं उत्तराखंड के सीनियर अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि पंत की मर्सिडीज बेंज कार ने डिवाइडर से टकराने के बाद आग पकड़ ली थी। संयोग अच्छा था कि पास से गुजर रही हरियाणा रोडवेज की एक बस के ड्राइवर और बाकी स्टाफ ने पंत को जलती हुई कार से तुरंत बाहर निकाल लिया।
सामने से ही अनियंत्रित आ रही थी करनाल के बल्लां गांव के रहने वाले ड्राइवर सुशील ने बताया कि वह पिछले करीब 1 महीने से डिपो की बस नंबर HR67A8824 में पानीपत से हरिद्वार और हरिद्वार से पानीपत रूट पर बस चला रहे हैं। शुक्रवार को वह रोजाना की तरह सुबह 4:25 पर हरिद्वार से पानीपत के लिए चले थे।
सीएम मनोहर लाल ने भी की सराहना
सुबह करीब 5:20 बजे जब वे नारसन गुरुकुल के नजदीक पहुंचे तो सामने से एक गाड़ी आई और देखते ही देखते गाड़ी उनके नजदीक पहुंची और रेलिंग से टकराते हुए सड़क पार कर उनकी बस के आगे आ गई। इससे पहले वह बस के इमरजेंसी ब्रेक लगाते, तब तक गाड़ी चार पलटी खाते हुए कंडक्टर साइड चली गई। जिसके बाद गाड़ी सीधी खड़ी हो गई।
पंत को बाहर निकाल छाती के बल लेटाया
ड्राइवर सुशील और कंडक्टर परमजीत ने कहा कि उन्होंने तुरंत बस को रोका। जिसके बाद दोनों नीचे उतरे तो तब तक कार की डिग्गी से आग लगनी शुरू हो गई थी। दोनों ने बिना देरी करे, महज 5 सेकेंड के भीतर ड्राइवर साइड पर बाहर की तरफ लटके हुए पंत को घसीट कर बाहर निकाला और कच्चे डिवाइडर पर छाती के बल लेटा दिया।
कंडक्टर ने डांटा तो बोले- मैं ऋषभ पंत क्रिकेटर हूं
खुद की जान जोखिम में डालकर ड्राइविंग करने पर कंडक्टर परमजीत ने मर्सिडीज सवार चालक को तेज आवाज में कहां कौन है तू? क्या देखकर ड्राइविंग नहीं कर सकता था?। जिस पर मर्सिडीज सवार शख्स ने कहा कि मैं भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत हूं। हालांकि ड्राइवर सुशील ने उन्हें पहचाना नहीं था। मगर, कंडक्टर परमजीत कभी कभार क्रिकेट देख लेते हैं तो उन्हें पहचान हो गई।
हरियाणा के परिवहन मंत्री ने भी की तारीफ...
एंबुलेंस को कॉल कर बुलाया, मां का मोबाइल स्विच ऑफ था
इसके बाद ड्राइवर सुशील ने पुलिस कंट्रोल रूम नंबर डायल 112 और कंडक्टर ने एंबुलेंस कंट्रोल रूम नंबर 108 पर लगातार कॉल की। करीब 12 से 15 मिनट के भीतर पर एंबुलेंस पहुंची। जिसके बाद ऋषभ पंत और उनके सामान को एंबुलेंस में रखा गया।
एंबुलेंस वाले को कहा गया कि पंत भारतीय क्रिकेटर हैं, इसलिए उन्हें किसी अच्छे अस्पताल में लेकर जाएं। बस ड्राइवर, कंडक्टर और सवारियां करीब 20 मिनट तक वहां खड़ी रहीं। पंत को अस्पताल ले जाने के बाद ही बस व सवारियां पानीपत की तरफ रवाना हुईं। पंत के कहने पर उन्होंने उनकी मां को भी कॉल किया, लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ था।
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