दीवाना और सिवाह गांव के बीच शुक्रवार सुबह भूसे से लदे ट्रैक्टर को बचाने के चक्कर में 22 चक्का ट्रॉला अनियंत्रित होकर दिल्ली पैरलल नहर में गिर गया। ड्राइवर और हेल्पर तो तैरकर बाहर आ गए लेकिन केबिन में सो रहा ड्राइवर का भतीजा नहर में बह गया। काफी देर की मशक्कत के बाद दो हाइड्रो क्रेनों की मदद से पुलिस ने ट्रॉले को बाहर निकाल लिया। देर शाम तक भतीजे की तलाश गोताखोर नहर में करते रहे लेकिन वह नहीं मिला।
अमरोहा, यूपी के रहने वाली मुकुंद ने बताया कि वह ट्राले पर बतौर ड्राइवर है। शुक्रवार अल सुबह वह ट्रॉले को पानीपत से लेकर सोनीपत के लिए निकले थे। वह दिल्ली लिंक पैरलल नहर होते जा रहे थे। सिवाह और दीवाना के पास एक भूसे से लदे ट्रैक्टर ने अचानक कट मार दिया। ट्रैक्टर को बचाने के लिए उन्होंने ट्रॉले का दाएं हाथ की तरफ मोड़ दिया। इस कारण ट्रॉला अनियंत्रित हो गया।
ड्राइवर साइड का पहिया नहर की तरफ उतर गया। वह ट्रॉले को संभालपाते इससे पहले वह दिल्ली पैरलल नहर में जा गिरा। साथ में उनके हेल्पर आकाश और भतीजा रूप किशोर था। रूपकिशोर (18) उनसे रुपए लेने आया था। वह केबिन में सो रहा था। वह और आकाश तो किसी तरह ट्रॉले से निकलकर बाहर आ गए लेकिन रूपकिशोर नहर के बहाव में बह गया। डीएसपी मुख्यालय सतीश वत्स ने बताया कि ड्राइवर और हेल्पर को तैरना आता था। वह तैर कर बाहर आ गए। ड्राइवर के भतीजे का सुराग नहीं मिल सका है। गोताखोरों की मदद से अभी तलाश जारी है।
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