हरियाणा के रेवाड़ी के गांव मीरपुर स्थित इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी का 10वां स्थापना दिवस शुक्रवार को मनाया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शिरकत की। वहीं विशिष्ट अतिथि के तौर पर केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह मौजूद रहे।
स्थापना दिवस के कार्यक्रम के दौरान मंच से संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह के तेवर पूरी तरह आक्रामक नजर आए। उन्होंने इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। राव इन्द्रजीत सिंह के जुबां पर यूनिवर्सिटी के कार्यक्रमों में खुद को नहीं बुलाए जाने का दर्द भी झलका।
केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि जब वह पहली बार आईजीयू में आए तो उन्होंने शहीद राव तुलाराम के नाम पर चेयर स्थापित करने के लिए सांसद निधि से 21 लाख रुपए थे, जिससे इस क्षेत्र के विद्यार्थी शोध कर सके। उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रशासन से मंच से ही जवाब मांगा कि वे जवाब दे कि चेयर स्थापित होने के बाद कितने बच्चों की विंग तैयार की गई।
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी बनने के बाद उन्हें सिर्फ एक बार ही कार्यक्रम में बुलाया गया। आज यह दूसरा मौका है जब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उन्हें बुलाया है। उन्होंने कहा कि बगैर बुलाए आना उनकी फितरत में नहीं रहा हैं। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में दक्षिणी हरियाणा को पिछड़ेपन का शिकार बनाने को लेकर भी सरकारों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा था जब संयुक्त पंजाब हुआ करता था और पंजाब तक के विद्यार्थी इस क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते थे।
यहां रीजनल सेंटर तो बना दिया, लेकिन उसे यूनिवर्सिटी बनने में इस क्षेत्र के लोगों ने दशकों तक संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश का यह पहला रीजनल सेंटर रहा जो सबसे ज्यादा लंबे वक्त तक रीजनल सेंटर ही बना रहा, जबकि इसके बाद बने रीजनल सेंटर को कुछ सालों बाद ही यूनिवर्सिटी का दर्जा मिल गया। लंबे संघर्ष और सरकार पर दबाव बनाने के बाद 10 साल पहले इस यूनिवर्सिटी बनाया गया। उन्होंने कहा कि पंजाब से अलग होने के बाद दक्षिणी हरियाणा को शिक्षा के क्षेत्र में पीछे धकेलने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। लेकिन इस क्षेत्र के प्रतिभावान विद्यार्थियों ने अपनी मेहनत के दम पर आगे बढ़ते हुए झंडे गाड़े दिए।
केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह ने कार्यक्रम में पहुंचे राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से अपील करते हुए कहा कि वे मीरपुर यूनिवर्सिटी को रोहतक की एमडीयू और हिसार की जीजेयू के अलावा प्रदेश की दूसरी बड़ी यूनिवर्सिटी के समान दर्जा दिलाने का प्रयास करें। इस मौके पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने यूनिवर्सिटी की स्थापना के 10 वर्ष पूर्व होने पर सभी को शुभकामानाएं दी। इसके साथ ही राज्यपाल ने आजाद हिंद फौज के सैनिकों का सम्मान भी किया। स्थापना दिवस पर यूनिवर्सिटी में रंगारंग कार्यक्रम भी हुए। इस मौके पर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री औमप्रकाश यादव, डीसी अशोक कुमार गर्ग, एसपी राजेश कुमार आदि मौजूद रहे।
बता दें कि दक्षिणी में एकमात्र सरकारी यूनिवर्सिटी आईजीयू की स्थापना वर्ष 2013 में हुई थी। इस यूनिवर्सिटी के बनने के बाद खासकर रेवाड़ी, गुरुग्राम और महेन्द्रगढ़ के विद्यार्थियों को बड़ा लाभ हुआ है। पहले इन तीनों ही जिलों के कॉलेज रोहतक की एमडीयू के अधीन थे, लेकिन अब ये सभी आईजीयू से अटैच हो चुके हैं। 10 साल से सुनहरे काल में यूनिवर्सिटी ने कई बड़े उतार चढ़ाव भी देखे, लेकिन अब यूनिवर्सिटी का लाभ क्षेत्र के स्टूडेंट को भरपूर मिल रहा है।
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