हरियाणा के रेवाड़ी में एक युवक ने अपने बचपन का सपना पूरा करने के लिए शादी के मौके पर दुल्हन को हेलिकॉप्टर से लाने के लिए गांव मंदौला पहुंचा। दूल्हा-दुल्हन के गांव की दूरी भले ही कुछ किलोमीटर की है, लेकिन दूल्हे को सपना पूरा करना था। गांव में हेलिकॉप्टर पहुंचते ही देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी।
हेलीकॉप्टर से दुल्हन लाने पहुंचा
दरअसल, रेवाड़ी जिले के गांव जैनाबाद निवासी राम कंवार पटवारी का बेटा दीकेश खुद का बिजनेस करता है। उसकी शादी पास के ही गांव मंदौला में एकता के साथ तय हुई थी। दूल्हे दीकेश का दुल्हन को हेलिकॉप्टर में लाने का सपना था। इसी के तहत वह गुरुवार को हेलिकॉप्टर में दुल्हन लाने गांव मंदौला पहुंचा। दोनों गांवों के बीच की दूरी 9 किमी है। हेलिकॉप्टर आने-जाने के लिए 2 घंटे में 18 किमी उड़ा।
दोनों गांव में हेलीकॉप्टर को देखने उमड़ी भीड़
गांव जैनाबाद से उड़ान भरने से पहले हेलिकॉप्टर को देखने के लिए गांव में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। वहीं, गांव मंदौला में जब दुल्हन लेने दीकेश हेलिकॉप्टर लेकर पहुंचा तो वहां भी बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ रही। दोनों गांव में हेलिकॉप्टर को उतारने के लिए अलग से व्यवस्था की गई थी।
दोनों गांव में रिश्तों की खास वजह
बता दें कि गांव जैनाबाद और मंदौला के बीच दिल ही नहीं, बल्कि पारिवारिक रिश्तों का भी गहरा नाता है। सदियों से जैनाबाद गांव के लोग अपने बच्चों का गांव मंदौला में रिश्ता करते आ रहे हैं। रिश्तों की खूबी को इसी से समझा जा सकता है कि यहां गांव मंदौला की 100 से ज्यादा बेटियां ब्याही हुई हैं। इनमें कई सारी तो ऐसी हैं जो गांव मंदौला में एक साथ पढ़ी और एक साथ ही खेलीं। आज वह गांव जैनाबाद में आसपास के घरों में बहू हैं।
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हरियाणा के इन दोनों गांवों की अनोखी कहानी: पहले एक साथ पढ़ी-खेलीं बेटियां, फिर एक-दूसरे के गांव की बनी बहुएं, खेतीबाड़ी से बने पारिवारिक रिश्ते
एक साथ एक स्कूल में पढ़ी, एक साथ खेलकूद कर बड़ी हुई और फिर एक ही गांव में अगल-बगल वाले घरों की बहू बन गईं। दो गांवों द्वारा आज भी बुजुर्गों द्वारा स्थापित किए गए पारिवारिक रिश्तों को बखूबी निभाया जा रहा है। यह कहानी हरियाणा में रेवाड़ी शहर से करीब 32 किलोमीटर दूर गांव जैनाबाद और मंदौला की है।
दोनों गांव के बीच आपसी दूरी महज 9 किलोमीटर की है, लेकिन दिलों के रिश्तों की दूरी चंद कदम की भी नहीं है। इस दोनों ही गांव को अनोखे रूप से जाना जाता है। दोनों ही गांव की खासियत यह है कि इनमें आर्मी से लेकर प्राइवेट जॉब में कई बड़े पदों पर फिलहाल लोग नौकरी कर रहे हैं।
दोनों गांव से जुड़ी रोचक कहानी
गांव जैनाबाद के बुजुर्गों की माने तो सालों पहले उनके गांव में खेतीबाड़ी अच्छी थी। यहां सब्जी, फ्रूट से लेकर तमाम तरह की खेती होती थी। आसपास के गांवों के लोगों को ट्रेन में सफर करने के लिए गांव जैनाबाद के ही रेलवे स्टेशन पर आना होता था। खासकर 9 किलोमीटर दूर मंदौला गांव के लोग खेतीबाड़ी के सिलसिले में आते-जाते रहते थे, जिसकी वजह से आपसी जुड़ाव हो गया पूरी खबर पढ़ें
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