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रेवाड़ी में एम्स प्रोजेक्ट:माजरा में 189 एकड़ जमीन का कब्जा लेने पहुंची केंद्र की टीम; 2015 में हुई थी घोषणा

रेवाड़ी8 महीने पहले
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गांव माजरा-भालखी में जमीन का अवलोकन करती केन्द्रीय स्वास्थ्य विभाग की टीम। - Dainik Bhaskar
गांव माजरा-भालखी में जमीन का अवलोकन करती केन्द्रीय स्वास्थ्य विभाग की टीम।

हरियाणा के रेवाड़ी में बनने वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के लिए गांव माजरा में 203 एकड़ जमीन का कब्जा लेने के लिए गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम पहुंची। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव अजय कुमार की अगुवाई में ये टीम माजरा-भालखी कब्जा लेने पहुंची।

इससे पहले टीम के साथ रेवाड़ी के डीसी अशोक कुमार गर्ग की जिला सचिवालय में बैठक हुई। बैठक खत्म होने के बाद टीम सीधे गांव माजारा-भालखी पहुंची, जहां लोगों ने टीम का स्वागत किया। अब माजरा-भालखी क्षेत्र में एम्स निर्माण प्रक्रिया शुरू हो गई है और कुल 203 एकड़ भूमि पर एम्स का निर्माण होगा। गुरुवार को 189 एकड़ भूमि पर कब्जा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लिया गया है। इस दौरान टीम के साथ डीआरओ राकेश कुमार, डीडीपीओ एचपी बंसल, तहसीलदार प्रदीप देशवाल, नायब तहसीलदार निशा सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी साथ रहे।

जमीन से जुड़ा नक्शा देखते अधिकारी।
जमीन से जुड़ा नक्शा देखते अधिकारी।

इससे पहले केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से बात कर टीम को जल्द भेजने का आग्रह किया था। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि जमीन का कब्जा लेने के बाद जल्द ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के 22वें एम्स का शिलान्यास भी करेंगे। उन्होंने बताया कि वे लगातार प्रधानमंत्री कार्यालय के संपर्क में है।

2015 में हुई थी एम्स की घोषणा
बता दें कि रेवाड़ी के बावल कस्बा में आयोजित रैली के दौरान 2015 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रेवाड़ी के मनेठी में एम्स बनाने की घोषणा की थी। इसके लिए गांव ने पंचायत की 200 एकड़ से ज्यादा जमीन भी दे दी थी, लेकिन कई साल बीतने के बाद भी एम्स को लेकर कोई चहल पहल नहीं हुई तो ग्रामीणों ने 9 माह तक लंबा संघर्ष किया और आखिर में 2019 में केन्द्र सरकार ने मनेठी में एम्स बनाने की घोषणा कर दी थी।

रोड़ा अटका तो माजरा के ग्रामीणों ने दी जमीन
इसके बाद मनेठी की जमीन पर केन्द्रीय वन सलाहकार कमेटी ने आपत्ति लगा दी। जिसके बाद एक बार फिर एम्स जैसा बड़े प्रोजेक्ट पर खतरे के बादल मंडरा गए। हालांकि 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अगर आसपास के ग्रामीण जमीन मुहैया कराएंगे तो एम्स यहीं बन जाएगा।

190 एकड़ से ज्यादा जमीन की रजिस्ट्री हो चुकी
बाद में साथ लगते गांव माजरा के ग्रामीण आगे आए और 200 एकड़ से ज्यादा जमीन पोर्टल के माध्यम से दे दी। पिछले कुछ माह से एम्स के लिए दी हुई जमीन की रजिस्ट्री का काम चल रहा है। 190 एकड़ से ज्यादा जमीन की रजिस्ट्री भी हो चुकी है। पिछले दिनों ही ग्रामीणों ने एम्स के जल्द शिलान्यास की मांग भी उठाई थी।