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सरपंचों का 5 साल कार्यभार आज बुधवार को समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही फिलहाल उनकी चौधरी खत्म हो जाएगी। अब बीडीपीओ गांवों के विकास व अन्य समस्याओं का समाधान करेंगे। जानकारी के अनुसार पंचायत विभाग ने गांवों में आवश्यक कार्य जैसे-बिजली, पानी व स्वच्छता संबंधी किसी प्रकार की परेशानी को दूर करने के लिए कमेटियां गठित करके ग्राम सचिव को उन पर नजर रखने का कहा है, ताकि ग्रामीणों को दिक्कत नहीं आए। इसके साथ ही बीडीपीओ कार्यालय ने सरपंचों से संबंधित रिकॉर्ड अपने अधीन कर लिया हैं।
हालांकि ग्राम पंचायतों के 5 साल पूर्ण होने के बाद अभी तक प्रदेश सरकार ने पंचायतों के चुनावों की तारिख घोषित नहीं की है, फिर भी भावी सरपंचों ने चौपालों में अपनी गोटी बैठानी शुरू कर दी हैं । सरकार द्वारा पंचायती राज प्रणाली में महिलाओं को 50 व बीसी-ए को 8 प्रतिशत का आरक्षण की व्यवस्था का ड्रा नहीं होने से खुलकर जनसंपर्क नहीं पा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार अटेली खंड में 52 ग्राम पंचायतें हैं। बीसी-ए के नये आरक्षण के तहत अटेली खंड में 3 ग्राम पंचायतें इस श्रेणी के लिए आरक्षित होंगी। वही अनुसूचित जाति के लिए 11 ग्राम पंचायतें रिजर्व हैं, लेकिन अभी तक इनका ड्रा तय नहीं किया गया है।
गांवों में बीडीपीओ के प्रशासक के रूप में कार्य करेंगे ग्राम सचिव
बीडीपीओ धर्मबीर ने बताया कि मंगलवार शाम 5 बजे से सरपंच ग्राम पंचायतों के कार्यभार से मुक्त हो गये हैं। ग्राम सचिव अब गांवों में बीडीपीओ के प्रशासक के रूप में कार्य करेंगे तथा ग्रामीणों के कार्य अटकने नहीं दिये जाएंगे। पेयजल व साफ-सफाई के लिए कमेटियां गठित कर दी हैं।
ग्रामीणों को किसी तरह की दिक्कत नहीं आने देंगे
दूसरी ओर डीडीपीओ ओमप्रकाश ने बताया कि जिले के किसी ब्लॉक के गांव में लोगों को दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। सरकार के गजट नोटिफिकेशन पर बीडीपीओ को प्रशासक नियुक्त किया गया हैं। ग्राम सचिव ग्रामीणों को दिक्कत नहीं आने देंगे।
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