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गर्मी का सीजन शुरू हो गया है। ऐसे में पानी की डिमांड भी बढ़ गई है। बढ़ी डिमांड के बीच यह अच्छी बात है कि दक्षिणी हरियाणा की नहरों में पानी भी आ गया है और राहत की बात यह है कि फिलहाल पानी डिमांड के मुताबिक ही मिल रहा है। पिछली टर्न के दौरान यमुना तथा भाखड़ा में पानी की कमी के चलते दक्षिणी हरियाणा को पानी की आपूर्ति के लिए सिंचाई विभाग को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा था। हालात ऐसे बन गए थे कि रोटेशन के मुताबिक 16 दिन बाद 7 फरवरी को पानी आ जाना था, लेकिन पानी की कमी के कारण सिंचाई विभाग को आपूर्ति बनाए रखने के लिए 4 की बजाए 5 ग्रुप बनाने पड़े थे।
5 ग्रुप बनने से पानी की रोटेशन भी 16 की बजाए 24 दिन की करनी पड़ी। इसके मुताबिक भी 15-16 फरवरी को पानी छोड़ा जाना चाहिए था, लेकिन इसके भी 3-4 दिन बाद 19-20 फरवरी को पानी छोड़ा गया है। यानि की 27-28 दिन बाद पानी छोड़ा गया था। फिर भी पूरी टर्न के दौरान मांग के अनुसार पानी नहीं मिल पाया। कभी आधा तो कभी उससे भी कम पानी मिला। इस कमी को पूरा करने के लिए नहरों में 3-4 अधिक पानी छोड़ा गया। यानि की रोटेशन के मुताबिक 7 मार्च को पानी बंद हो जाना था। जो 10 मार्च को बंद हुआ। फिलहाल 5 ग्रुप की रोटेशन ही चल रही है। इसके मुताबिक 3-4 अप्रैल को खुबड़ू हेड से जेएलएन फीडर में पानी छोड़ दिया गया है। जो सोमवार-मंगलवार को नारनौल जो कि जेएलएन वाटर सर्विसिज की टेल है, पहुंच गया है। इसी के साथ जलघरों के टैंकों मेंं पानी की स्टोरेज भी शुरू हो गई है।
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