गणेश चतुर्थी का आज दूसरा दिन है। गणेश चतुर्थी के लिए मिट्टी की मूर्तियां भी रोहतक में तैयार की गई है। राजस्थान और कोलकाता की मिट्टी को गणेश का रूप दिया गया है। भगवान गणेश की मूर्तियों पर रंग रोगन कर अंतिम रूप दिया गया तो रोहतक में तैयार की गई इन मूर्तियों की मांग दूसरे जिलों में भी हुई। मूर्तिकारों ने छोटी से बड़ी मूर्तियों तक का निर्माण किया। श्रद्धालुओं ने मूर्तियां स्थापित भी कर ली है।
रोहतक में सुखपुरा चौक के निकट अलग अलग स्थानों पर मूर्तियां तैयार की जा रही है। हालांकि कोरोना संक्रमण महामारी के चलते इस बार भी बड़ा सामूहिक आयोजन नहीं हुआ है। मगर अनेकों जगहों पर पंडाल में भगवान गणेश को विराजमान किया गया है। दुर्गा भवन मंदिर के पुजारी आचार्य मिनोज मिश्र के मुताबिक गणेश चतुर्थी के दिन लोग घरों में गणपति की स्थापना करते हैं।
लोग 10 दिन के लिए घर में गणपति को विराजमान करते हैं। अनंत चतुर्दशी के लिए गणपति को विदाई देकर उनका विसर्जन किया जाता है। ज्यादातर लोग घरों में ही गणपति की मूर्ति स्थापित करने पर जोर दे रहे हैं। इसी कारण इस बार छोटी मूर्तियों की मांग बढ़ी है। रोहतक के मूर्तिकार तुलसी राम भाटी ने बताया कि राजस्थान व कोलकाता से मंगाई गई मिट्टी से गणपति की मूर्तियां बनाई है।
श्रद्धालुओं की अलग अलग तरह की मूर्तियों की मांग रही, उनकी मांग के अनुसार ही मूर्तियां बनाई गई है। मूर्तियां सभी एक से चार फीट ऊंचाई वाली ज्यादा रही। सात से आठ फीट की मूर्ति के लिए केवल 25 आर्डर ही मिले। रोहतक के अलावा, जुलाना, हांसी, नरवाना, फतेहाबाद व बहादुरगढ़ आदि स्थानों से भी मूर्तियां लेने लोग रोहतक पहुंचे।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.